आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो की अदालत में दिल्ली शराब नीति मामले में जमानत की सुनवाई से एक दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार (Manish Sisodia Arrested By ED) कर लिया है. यह खबर न्यूज एजेंसी ने अधिकारियों के हवाले से प्रकाशित की है.
प्रवर्तन निदेशालय, या ईडी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री से पिछले दो दिनों से पूछताछ कर रही थी. ED मनीष सिसोदिया से दिल्ली की नई शराब नीति तैयार करते समय कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पूछताछ कर रही थी. अब उन्हें इसी मामले में गिरफ्तार किया गया है.
ईडी की गिरफ्तारी ने मनीष सिसोदिया की मुश्किलों को बढ़ा दिया है. सिसोदिया पहले ही सीबीआई अदालत से जमानत की मांग कर रहे हैं और इसपर शुक्रवार, 10 मार्च को सुनवाई होनी थी. अब ED की गिरफ्तारी के बाद उन्हें कल ईडी एक अदालत में पेश करेगी.
सिसोदिया को 26 फरवरी को उनकी गिरफ्तारी के बाद सीबीआई की हिरासत समाप्त होने के बाद न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया है.
"मनीष को हर हालत में अंदर रखना मकसद है"
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कि ईडी की कार्रवाई का उद्देश्य सिसोदिया को "हर हालत में अंदर" रखना है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा
"मनीष को पहले CBI ने गिरफ़्तार किया. CBI को कोई सबूत नहीं मिला, रेड में कोई पैसा नहीं मिला. कल बेल पर सुनवाई है. कल मनीष छूट जाते. तो आज ED ने गिरफ़्तार कर लिया. इनका एक ही मकसद है - मनीष को हर हालत में अंदर रखना. रोज नये फर्ज़ी मामले बनाकर. जनता देख रही है. जनता जवाब देगी"
बता दें कि सिसोदिया और अन्य आरोपियों पर शराब कार्टेलाइजेशन की अनुमति देने और दिल्ली शराब नीति तैयार करने में कुछ डीलरों का पक्ष लेने के आरोप हैं. हालांकि AAP ने किसी से भी रिश्वत लेने से इनकार किया है. जबकि दूसरी ओर बीजेपी ने कहा है कि अगर AAP को कुछ भी गलत नहीं करने का भरोसा होता तो वो शराब नीति को वापस नहीं लेती.
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