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केजरीवाल का धरना जारी,सिसोदिया-सत्येंद्र जैन की अस्पताल से छुट्टी

धरने के दौरान अनशन पर बैठने से सिसोदिया और जैन की खराब हुई थी तबियत

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भारत
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दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एलजी ऑफिस में धरना नौवें दिन भी जारी है. हालांकि, आईएएस अफसरों ने सकारात्मक संकेत देते हुए सीधे सीएम से बात करने की इच्छा जताई है. वहीं, दूसरी तरफ मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है.

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दिल्ली की AAP सरकार ने आईएस अफसरों को सुरक्षा की गारंटी देने की बात कही है. तो आईएएस अफसर भी सीएम से बात करने के लिए तैयार हैं. लेकिन AAP ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एलजी के पाले में गेंद फेंक दी है. AAP नेता संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘अभी भी देर नहीं हुई है. दिल्ली की सरकार, सीएम और अधिकारी सब बात को तैयार हैं, तो एलजी दोनों पक्षों की बैठक बुलाएं. चार महीने से जो गतिरोध चल रहा है उसे खत्म करवाएं.’’

मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को अस्पताल से छुट्टी

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को मंगलवार को एलएनजेपी अस्पताल से छुट्टी मिल गई. दोनों मंत्री एलजी ऑफिस में अनशन पर बैठे थे और सेहत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.

एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट जेसी पासे ने बताया, ‘‘दोनों ही मंत्रियों को सुबह करीब 10 बजे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.''

मंगलवार सुबह सिसोदिया ने ट्वीट किया था कि उनकी सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है और वो आज से कामकाज शुरू करने की कोशिश करेंगे.

सतेंद्र जैन पिछले मंगलवार से एलजी ऑफिस में आमरण अनशन पर थे, जबकि सिसोदिया ने अनशन बुधवार से शुरू किया था.

केजरीवाल अपने सहयोगियों के साथ 13 जून से उप राज्यपाल अनिल बैजल के ऑफिस में धरने पर बैठे हैं. वो बैजल से आईएएस अधिकारियों को हड़ताल खत्म करने का निर्देश देने और राशन को घर - घर पहुंचाने की योजना को मंजूरी देने की मांग कर रहे हैं.
धरने के दौरान अनशन पर बैठने से सिसोदिया और जैन की खराब हुई थी तबियत
13 जून को धरने पर  बैठे थे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और 3 आप नेता
(फोटो: PTI)
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सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की धरने के खिलाफ जल्द सुनवाई की याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों के धरने को ‘‘असंवैधानिक'' घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी. जस्टिस एसए नजीर और जस्टिस इंदू मल्होत्रा की पीठ ने कहा कि याचिका की सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद की जाएगी.

क्यों दर्ज की याचिका?

याचिकाकर्ता हरिनाथ राम की ओर से पेश वकील शशांक सुधी ने कहा कि एलजी ऑफिस में मुख्यमंत्री के असंवैधानिक और गैरकानूनी प्रदर्शन के कारण संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है. इससे लोग भी परेशान हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि शहर मे ‘‘आपात स्थिति'' जैसे हालात बने हुए हैं, जिसमें नागरिक गंभीर जल संकट से जूझ रहे हैं.

मुख्यमंत्री का दावा है कि आईएएस अधिकारी हड़ताल पर हैं, लेकिन एलजी ऑफिस का कहना है कि वह काम कर रहे हैं.

(इनपुट भाषा से)

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