भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह ने कहा है कि राष्ट्रवाद और 'भारत माता की जय' नारे का दुरुपयोग किया जा रहा है. इनके जरिए एक ऐसे भारत का निर्माण किया जा रहा है जिसमें ‘आतंक और भावावेग’ है और जिसमें करोड़ों नागरिकों को अलग-थलग किया जा रहा है.
जवाहरलाल नेहरू के कामों पर आधारित एक किताब के विमोचन के मौके पर मनमोहन सिंह ने कहा, भारत विश्व शक्ति के रूप में माना जाता है. देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू थे अगर भारत को एक जीवंत लोकतंत्र राष्ट्र के रूप में पहचान मिली है तो इसकी वजह नेहरू हैं. उन्हें इसके निर्माता के रूप में मान्यता देनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा,
नेहरू ने उस दौर में किया था, जब भारत अस्थिर था, और खुद को गढ़ रहा था, जब उसने जीवन के लोकतांत्रिक तरीके को चुना था, जब उसने तय किया था कि उसमें अलग-अलग सामाजिक और राजनैतिक विचारधारा के लोग रहेंगे.
भारत के पहले प्रधानमंत्री, जिन्हें भारतीय विरासत पर बहुत गर्व था. एक अनोखे स्टाइल और कई भाषाओं के जानकार नेहरू ने कई विश्वविद्यालयों और आधुनिक भारत की सांस्कृतिक संस्थाओं की स्थापना की. नेहरू के नेतृत्व के बिना भारत वो नहीं बन पाता, जो आज ये है.
‘दुर्भाग्य से ऐसे लोगों का एक समूह है जिनके पास इतिहास पढ़ने का समय नहीं है. वे नेहरू को गलत तरीके से देखने की पूरी कोशिश करते हैं. लेकिन मुझे यकीन है कि इतिहास में ये क्षमता है कि वह नकली और झूठे आरोपों को खारिज करने और सही तथ्यों को रखने की ताकत रखता है.’
'Who is Bharat Mata' किताब पुरुषोत्तम अग्रवाल और राधा कृष्ण ने लिखी है, जिसमें नेहरू की क्लासिक पुस्तकों ऑटोबायोग्राफी, ग्लिम्प्स ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री और डिस्कवरी ऑफ इंडिया, नेहरू के भाषणों, इंटरव्यू, पत्रों और निबंधों के हिस्से लिए गए हैं. किताब में नेहरू के बारे में गांधी, पटेल, शहीद भगत सिंह, मौलाना आजाद आदि के विचारों को भी शामिल किया गया है. इस पुस्तक को पहले अंग्रेजी में लाया गया था और अब इसका कन्नड़ अनुवाद जारी किया गया है.
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