केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा को कम करके जेड प्लस श्रेणी का कर दिया है. अब तक उन्हें स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) सिक्यॉरिटी मिली हुई थी. इस मामले पर गृह मंत्रालय ने कहा है कि सिक्यॉरिटी कवर की समीक्षा खतरे की आशंका के आधार पर समय-समय पर होने वाली प्रोफेशनल प्रक्रिया है, जो सुरक्षा एजेंसियों के आकलन पर आधारित होती है.
मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे. वह पिछले हफ्ते ही राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुने गए हैं.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को SPG सिक्यॉरिटी मिली हुई है. करीब 3000 अधिकारियों वाली SPG की सुरक्षा प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिजनों (माता-पिता, पति/पत्नी, बच्चे) को मिलती है.
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद साल 1985 में SPG का गठन किया गया था. संसद ने 1988 में इसे लेकर SPG एक्ट पास किया था.
उस वक्त इस कानून में पूर्व प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा का प्रावधान शामिल नहीं था. ऐसे में साल 1989 में जब वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने थे तो उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की SPG सुरक्षा हटा ली थी. साल 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद SPG एक्ट में संशोधन किया गया था, जिसके तहत पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिजनों के लिए कम से कम 10 साल SPG सुरक्षा देने का प्रावधान लाया गया.
साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा किए गए एक संशोधन के तहत ऑटोमेटिक प्रोटेक्शन की यह 10 साल की समयसीमा बदल दी गई. नए संशोधन के तहत यह समयसीमा ''प्रधानमंत्री के पद छोड़ने के बाद 1 साल तक और खतरे की आशंका होने पर (केंद्र सरकार के फैसले पर) एक और साल तक'' कर दी गई.
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