- अमेरिकी एजेंसी की तरफ से आतंक को लेकर जारी किए 2015 के आंकड़े
- आतंक प्रभावित देशों में ईराक, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बाद भारत चौथे नंबर पर
- भारत में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) चौथा सबसे खतरनाक आतंकी संगठन
- दुनिया भर में हुए आतंकी हमलों में 791 हमले भारत में हुए, जिनमें 43% नक्सलियों ने किए
आतंकवाद को लेकर ताजा आंकड़े सामने आए हैं, जिनके मुताबिक,
- आतंकवाद से प्रभावित देशों में भारत का चौथा नंबर है.
- 2015 में दुनिया भर में 11,774 हमले हुए जिनमें 28,328 लोग मारे गए.
- इन हमलों में से 791 हमले भारत में हुए जिनमें 289 लोग मारे गए.
- भारत में हुए हमलों में ज्यादातर नक्सलियों ने किए हैं.
- आतंकवाद प्रभावित राज्यों में ईराक, अफगानिस्तान और पाकिस्तान सबसे ऊपर है.
माओवादी चौथा सबसे खतरनाक संगठन
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, अमेरिका के संगठन ‘नेशनल कॉन्सॉशियम फॉर द स्टडी ऑफ टेररिज्म ऐंड रेस्पॉन्स टु टेररिज्म’ की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि तालिबान, इस्लामिक स्टेट(IS) और बोकोहरम सबसे खतरनाक आतंकी सगठन हैं. इसके बाद चौथे नंबर पर भारत में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) है. सीपीआई (माओवादी) को पिछले साल 238 हमलों का जिम्मेदार माना गया, जिसमें 287 लोगों की जान गई.
साल 2015 के ये हैं आंकड़े
आतंकी संगठन---------------हमले-------------कुल मौत
तालिबान------------------------1093--------------4512
इस्लामिक स्टेट------------------931---------------6050
बोको हरम------------------------491---------------5450
सीपीआई (माओेवादी)---------343----------------176
कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी----------238----------------287
आतंकी हमलों में छत्तीसगढ़ सबसे आगे
भारत में हुए आतंकी हमलों में आधे से ज्यादा सिर्फ 4 राज्यों में हुए हैं, जिनमें छत्तीसगढ़, मणिपुर, जम्मू-कश्मीर, और झारखंड हैं. छत्तीसगढ़ माओवादी हमलों से सबसे ज्यादा प्रभावित है.
राज्य-------------आतंकी हमले (प्रतिशत में)
छत्तीसगढ़---------21%
मणिपुर------------12%
जम्मू-कश्मीर------11%
झारखंड------------10 %
अन्य-----------------46%
छत्तीसगढ़ में दोगुने हुए हमले
2014 के आंकड़ों से तुलना करें तो छत्तीसगढ़ में हुए आतंकी हमलों की संख्या 2015 में दोगुनी हो गई. 2014 में जहां 76 हमले हुए वहीं 2015 में 167 हमले हुए. रिपोर्ट कहती है कि 2014 में कोई भी हमला ऐसा नहीं हुआ जिसमें 50 से ज्यादा लोगों की जान गई हो, लेकिन 2015 में ऐसे कई हमले हुए हैं.
पाक आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक माओवाद?
गृहमंत्रालय के आंकड़ों पर गौर करें तो 2010 से 2015 में नक्सली हमलों में 2964 लोगों की जान गई. इनमें 2162 आम नागरिक थे और 802 पुलिसकर्मी थे.
बढ़ा अपहरण का ग्राफ भी
अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार, 2015 में आतंकी और उग्रवादी संगठनों द्वारा अगवा किए गए लोगों की संख्या करीब तीन गुनी हो गई. 2014 में पूरे देश में कुल 305 लोगों का अपहरण हुआ था जबकि 2015 में अगवा किए गए लोगों की संख्या बढ़कर 862 हो गई. इनमें 707 लोगों को नक्सलवादियों ने अगवा किया था. 2014 में नक्सलवादियों ने 163 लोगों को अगवा किया था.
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