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जहांगीरपुरी पर मोदी को महाभारत की चेतावनी देने वाले मौलाना तौकीर रजा कौन हैं?

मौलना तौकीर रजा पहले भी कई विवादित बयान दे चुके हैं.

Published
भारत
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दिल्ली (Delhi) के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) में हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के जुलूस के दौरान हुई हिंसा तो एक दिन में ही रुक गई. लेकिन उसके ऊपर होती राजनीति और सियासी बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है. इसी कड़ी में अब मौलाना तौकीर रजा (Maulana Tauqeer Raza Khan) ने एक नया विवादित बयान दे दिया है. इस बयान में मौलाना तौकीर रजा ने पीएम मोदी (PM Modi) पर हमला बोला और जेल भरो आंदोलन शुरू करने की चेतवानी तक दे डाली.

यह पहले बार नहीं है जब मौलाना तौकीर रजा ने ऐसा विवादित बयान दिया हो .

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कौन हैं मौलाना तौकीर रजा? इनके बयानों को इतनी अहमियत क्यों दी जाती है? और इससे पहले तौकीर रजा ने क्या विवादित बयान दिए हैं आइए आपको बताते हैं.

कौन हैं मौलाना तौकीर रजा?

मौलाना तौकीर रजा एक धार्मिक नेता हैं. यह उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले हैं. मौलाना तौकीर रजा इस्लामिक दुनिया में विश्व प्रसिद्ध आला हजरत के खानदान से आते हैं. आला हजरत या अहमद रजा ने इस्लाम धर्म के सुन्नी बरेलवी मसलक (सेक्शन) की शुरुआत की थी. इस्लाम धर्म में एक बड़ा वर्ग आला हजरत के उद्देश्यों पर बने बरेलवी मसलक फॉलो करता है. इन्हें बरेलवी मुसलमान कहा जाता है.

आला हजरत के खानदान का बरेलवी और अन्य कुछ मसलक के लोग बेहद सम्मान करते हैं. हालांकि इस खानदान के बुनियादी लोग धर्म के प्रचार प्रसार और दीन की खिदमत पर ध्यान देते हैं. मौलाना तौकीर रजा सक्रिय राजनीति में आने वाले इस खानदान के पहले नेता हैं. उन्होंने अपनी पार्टी इत्तेहाद-ए-मिल्लत कॉउन्सिल का गठन किया है.

एक बीजेपी को छोड़ मौलाना तौकीर रजा की उत्तर प्रदेश की हर राजनैतिक पार्टी से समय समय पर करीबियां और दूरियां रहीं हैं. मौलाना तौकीर रजा को एसपी, बीएसपी, कांग्रेस पार्टी से समर्थन के बदले सत्ता में हिस्सेदारी मिलती रही है. साल 2013 में दिल्ली चुनावों से पहले वर्तमान में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी मौलाना से समर्थन की अपील कर सुर्खियां बटोर चुकें हैं.

यह सुब पढ़कर आप अबतक शायद इतना तो समझ ही गए होंगें की मौलाना के बयानों को चौतरफा इतना अटेंशन क्यों मिल जाता है? दरगाह आला हजरत के अन्य लोग भले ही खुद को राजनीती से अलग रखते हों लेकिन मौलाना का समर्थन नेताओं को- दरगाह का, और दरगाह के मानने वाले लाखों मुसलमानों का समर्थन लगता है.

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मौलाना तौकीर रजा के विवादित बयान

जहांगीरपुरी पर बयान

हाल में जहांगीरपुरी और देश के अन्य इलाकों में चले बुलडोजर को लेकर मौलाना तौकीर रजा ने पीएम मोदी को कहा कि ऐसा लगता है कि,

"मोदी महाभारत के धृतराष्ट हैं. मेरी मोदी सरकार को यह चेतावनी है कि अगर रवैया नहीं बदला तो फिर से महाभारत होने से कोई नहीं रोक सकता."
मौलाना तौकीर रजा

मौलाना तौकीर रजा ने आगे कहा कि अगर मुस्लमान सड़कों पर गया तो किसी के कब्जे में नहीं आएगा यह समझ लिया जाए, उन्होंने कहा कि "कोर्ट से भी हमें अब न्याय की उम्मीद नहीं हैं. मैं सरकार को चेता देना चाहता हूं अगर नहीं सुधरे तो जेल भरो आंदोलन होगा, महाभारत होगी."

धर्मसंसद के बाद विवादित बयानबाजी 

हरिद्वार और दिल्ली में हुई धर्म संसदों में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ खूब नफरत घोली गई, भड़काऊ भाषण दिए गए यहां तक कि हथियार उठाने की बात भी कहीं गई. इसके जवाब में मौलाना तौकीर रजा ने भी एक बड़ा मजमा इकट्ठा किया जहां मंच से मौलाना ने कहा कि, "हालात नहीं सुधरे तो गृहयुद्ध हो जाएगा जो मैं नहीं चाहता हूं,"

उन्होंने यह भी कहा कि, "मैं हिन्दू भाइयों से कहना चाहता हूं अगर नौजवान बेकाबू हो गया और अगर कानून अपने हाथ में लेने को मजबूर हुआ तो तुम्हें हिंदुस्तान में कहीं पनाह नहीं मिलेगी."

बाद में मौलाना ने अपने बयानों पर कई बार सफाई दी और कहा कि वह सिर्फ धर्मसंसद में शामिल लोगों के बारे में ऐसा बोल रहे थे, वह हिन्दू-मुस्लिम एकता के पक्ष में हैं.

Anti-CAA आंदोलन के दौरान विवादित बयानबाजी    

साल 2019 में जब देशभर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए तो बरेली में मौलाना तौकीर रजा ने भी एक विरोध प्रदर्शन का कॉल दिया. प्रशासन ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी और धारा 144 लागू कर दी गई लेकिन उसके बावजूद भी मौलाना तौकीर रजा ने विरोध प्रदर्शन किया.

उन्होंने एक गाड़ी पर लाउडस्पीकर लगाकर भाषण दिया. उस समय उन्होंने कहा कि, "हिन्दुस्तान की हुकूमत ने नागरिकता संशोधन बिल वापस नहीं लिया तो गलियों में खून बह जाएगा. सबसे पहले वह गोली खाएंगे. दंगे फसाद हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि हिंदू मुस्लिम और दलित भी उनका साथ देंगे."

इस दौरान मौलाना तौकीर रजा ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर हमला बोला था.

2010 में बरेली में दंगे भड़काने का लगा आरोप

साल 2010 में बरेली में ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर जुलूस में हिंसा हुई. शहर में हिन्दू-मुस्लिम दंगे भड़के नतीजन बरेली में 12 दिनों का कड़ा कर्फ्यू लगाना पड़ा. मौलाना तौकीर रजा खान पर दंगे भड़काने का भी आरोप लगा और उन्हें उस वक्त जेल भी जाना पड़ा था हालांकि अबतक मौलाना पर दंगे के आरोप सिद्ध नहीं हो पाए हैं लेकिन उस वक्त मौलाना तौकीर रजा का नाम खूब उछला.

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इन सब के सिवा मौलाना तौकीर रजा किसी न किसी वजहों से सुर्खियों में बने रहते हैं. बरेली और उसके आसपास के क्षेत्रों में मौलाना तौकीर रजा का आज भी दबदबा कायम है उनकी एक आवाज पर इस इलाके के सैंकड़ों मुसलमान बेहद कम समय में इकठ्ठा हो जाते हैं.

मौलाना यह बात अच्छे से जानते हैं इसलिए ही कभी जेल भरो आंदोलन तो कभी बिना प्रशासन की इजाजत मिले भी प्रदर्शनों की सरपरस्ती को अंजाम देते रहते हैं.

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