देश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में टॉप करने वाले प्रदीप सिंह हरियाणा के रहने वाले हैं. IRS ऑफिसर प्रदीप सिंह फिलहाल, नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम्स फरीदाबाद में प्रोबेशन पर हैं. अपने पिता को प्रेरणा बताने वाले प्रदीप का कहना है कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वो ऑल इंडिया रैंक-1 हासल करेंगे.
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में प्रदीप यूपीएससी की तैयारी करने वाले युवाओं से कहते हैं कि खुद पर भरोसा रखना जरूरी है. साथ ही वो कारण याद रखना जिसकी वजह से तैयारी शुरू की थी जरूरी है, क्योंकि जब भी आपको ऐसा लगे कि आपसे नहीं हो पाएगा तो वो कारण याद कर लें.
इंडियन रेवेन्यू सर्विसेज में सेवाएं दे रहे 29 साल के प्रदीप सिंह ने UPSC के नए चुके 829 कैंडिडेट्स में पहले नंबर पर जगह बनाई है. उनका कहना है कि 'ये एक सपने के पूरे होने जैसा है. मैं हमेशा से IAS अफसर बनना चाहता था. मैं समाज के पिछड़े तबके के साथ काम करना चाहता हूं.'
प्रदीप कहते हैं कि उनका जोर शिक्षा और कृषि को बेहतर करने पर होगा. वो अब देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का हिस्सा होंगे.
मैंने अपने गृह राज्य हरियाणा काडर का प्राथमिक विकल्प चुना है. मुझे खुशी है कि अब मुझे अपने राज्य के लिए काम करने का मौका मिलेगा.प्रदीप सिंह
दूसरे स्थान पर जतिन और तीसरे पर प्रतिभा रहीं
दूसरे पोजिशन पर जतिन किशोर और तीसरे स्थान पर प्रतिभा वर्मा हैं. इस बार कुल 829 उम्मीदवारों का सलेक्शन हुआ है, इसमें 304 उम्मीदवार जनरल कैटेगरी से, 78 ईडब्ल्यूएस, 251 ओबीसी, 129 एससी और 67 एसटी कैटेगरी से हैं.
यूपीएससी मेन परीक्षा में 2304 उम्मीदवार पास हुए थे, इनके लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया 17 फरवरी, 2020 से शुरू हुई थी, लेकिन कोरोना लॉकडाउन के चलते मार्च में इंटरव्यू टालना पड़ा था.
कैंडिडेट यूपीएससी की ऑफिशियल वेबसाइट से अपने रोल नंबर के मुताबाकि अपने यूपीएससी सिविल सर्विस का रिजल्ट देख सकते हैं. यूपीएससी के मुताबिक, 2019 में आयोजित परीक्षा में कुल 829 उम्मीदवार सिविल सेवा के लिए चयनित हुए हैं, इनमें से 304 सामान्य वर्ग से, 78 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), अन्य पिछड़ा वर्ग से 251, अनुसूचित जाति (एससी) से 129 और 67 अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग से हैं।.ईडब्ल्यू वर्ग को पहली बार परीक्षा में 2019 में लागू किया गया था.
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