पंजाब नेशनल बैंक को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वाले भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को एंटीगुआ एंड बरबूडा नागरिकता दे रहा है. इसे लेकर वहां सियासत गरम हो गई है. विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर वहां के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन से जवाब मांगा है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2014 से अब तक 28 भारतीय केरेबियन देश की नागरिकता के लिए आवेदन कर चुके हैं. इन 28 भारतीयों में से 7 को 1 जनवरी से 30 जून 2017 के बीच ऐंटिगुआ की नागरिकता मिल चुकी है. सिटिजनशिप वाय इंवेस्टमेंट यूनिट (सीआईयू) की अर्धवार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी लोगों ने कैरिबियाई देश में 2 लाख डॉलर का निवेश किया है. सीआईयू ऐंटीगुआ के मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस के अंतर्गत आता है.
ऐंटिगुआ की नागरिकता लेने के लिए क्यों लगी है होड़
ऐंटिगुआ में सिटिजनशिप प्रोग्राम शुरू किए जाने के बाद अब तक 1,121 नागरिकता के लिए आवेदन आए हैं. इन आवेदकों में से 2.5 फीसदी लोग भारतीय हैं. इस लिस्ट में सबसे ज्यादा 478 लोग चीन के नागरिक हैं.
ऐंटिगुआ किसी भी विदेशी नागरिक को दोहरी नागरिकता देता है. इसके लिए विदेशी नागरिक को वहां नेशनल डिवेलपमेंट फंड में सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए रियल एस्टेट या किसी पहले से स्वीकृत व्यापार में निवेश करना होता है. एक बार एंटिगुआ का पासपोर्ट मिलने के बाद ऐसे व्यक्ति 132 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं और इनका प्रत्यर्पण भी नहीं किया जा सकता है.
चोकसी को 2017 में मिली थी ऐंटिगुआ की नागरिकता
रिपोर्ट के मुताबिक, मेहुल चोकसी को ऐंटिगुआ की नागरिकता नवंबर 2017 में मिली थी. हालांकि, सीआईयू की रिपोर्ट में अन्य भारतीयों या अन्य आवेदकों के नामों का कोई जिक्र नहीं है.
बता दें कि बीते चार सालों में 42 बांग्लादेशी और 25 पाकिस्तानी नागरिकों ने भी ऐंटिगुआ एंड बरबूडा की नागरिकता के लिए आवेदन किया है.
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