मेनका गांधी ने आज मंगलवार को मैरिटल रेप के मामले पर यू-टर्न लिया है. गांधी ने कहा है कि वे मैरिटल रेप को अपराध की श्रेणी में लाने पर विचार कर रही है.
इससे पहले संसद में कहा था कि मैरिटल रेप को भारतीय संदर्भ में उपयुक्त तरीके से लागू नहीं किया जा सकता.
अब बदल गया है बयान
मेनका गांधी ने मैरिटल रेप के मुद्दे पर अपनी राय को एक महीने बाद बदल लिया है.
सवाल: क्या मैरिटल रेप को अपराध की श्रेणी में लाने का प्रयास किया जा रहा है?
जवाब: हां, ‘अब सरकार इस मुद्दे पर आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है. और, इस मुद्दे पर जल्द ही फैसला होगा.
लेकिन पहले ये कहा था
गांधी ने कहा था, ‘‘ऐसा माना जाता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जैसा वैवाहिक बलात्कार की अवधारणा को समझा जाता है इसे भारतीय संदर्भ में विभिन्न कारकों यथा शिक्षा का स्तर, गरीबी, असंख्य सामाजिक रीति-रिवाज, मूल्य, धार्मिक आस्था, समाज की विवाह को संस्कार मानने की वजह से लागू नहीं किया जा सकता.”
इसके बाद गांधी ने कहा था कि मंत्रालय वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में लाने पर विचार कर सकता है बशर्ते इस तरह की पर्याप्त शिकायतों का ठोस सबूत हो.
गृह मंत्रालय ने आपराधिक न्याय व्यवस्था की व्यापक समीक्षा के दौरान विधि आयोग से राय मांगी थी.
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