अपने पिता की मर्सिडीज कार चलाते समय 32 साल के एक मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव को कथित रुप से कुचल देने वाले नाबालिग आरोपी ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) के उस आदेश को दिल्ली की एक अदालत में चुनौती दी, जिसमें उसके खिलाफ एक वयस्क के रुप में मुकदमा चलाने का निर्देश दिया गया था.
घटना के महज चार दिन बाद वयस्क बने इस किशोर ने दावा किया है कि उस पर ज्यादा से ज्यादा तेज और लापरवाही से वाहन चलाने के कारण मौत के कथित अपराध का मामला दर्ज किया जा सकता है. आरोपी ने कहा है कि यह गैर इरादतन हत्या का मामला नहीं है जिसका उस पर आरोप लगाया गया है. नाबालिग आरोपी की अपील शुक्रवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विमल कुमार यादव के समक्ष सुनवाई के लिए आएगी.
नाबालिग की तरफ से अपील दाखिल करने वाले वकील राजीव मोहन ने कहा कि जेजेबी ने उसके समक्ष दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल पूरे आरोपपत्र पर आरोपी को उसकी प्रति दिये बिना गौर किया.
आरोपी को आरोपपत्र की प्रति सौंपे बिना जेजेबी के पीठासीन अधिकारी ने दलीलें सुनी तथा अपना मत निर्धारित किया. उसने किशोर को एक वयस्क मानते हुए उसके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए उसके मामले को सुनवाई अदालत में भेज दिया.राजीव मोहन, आरोपी पक्ष के वकील
मोहन ने कहा, “मेरे मुवक्किल का पिछला अपराध महज ट्रैफिक रूल तोड़ने का था, इससे पहले उससे कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ. इसलिए आईपीसी के सेक्शन 304ए को सेक्शन 304 में बदलने का कोई आधार नहीं है.
शुक्रवार को कोर्ट में मर्सिडीज हिट एंड रन केस की भी सुनवाई होनी है. जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने अपराध को गंभीर मानते हुए नाबालिग के खिलाफ वयस्क के तौर पर मुकद्दमा चलाए जाने का फैसला सुनाया था.
बीती4 अप्रैल को नॉर्थ दिल्ली इलाके में रोड क्रॉस करते वक्त एक तेज रफ्तार मर्सिडीज कार ने मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव सिद्धार्थ शर्मा को उड़ा दिया था.
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