प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 नवंबर को हैदराबाद मेट्रो रेल का उद्घाटन किया है. 30 किलोमीटर लंबी इस मेट्रो लाइन पर 24 स्टेशन हैं. इसी के साथ देश के 9 शहरों में मेट्रो दौड़ने लगी है.
शुरुआत की बात करें, तो साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कोलकाता में पहले मेट्रो का उद्घाटन किया था. इसके बाद से ही लोगों के सफर को सस्ता और आरामदायक बनाने की कोशिश जारी है. खास बात ये है कि शहरों में मेट्रो दौड़ाने से न केवल पब्लिक ट्रांसपोर्ट का बोझ कम हुआ है, बल्कि पेट्रोल और डीजल के खपत को भी कम किया गया है.
9 शहरों में दौड़ रही है मेट्रो ट्रेन
हैदराबाद, दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ, बेंगलुरु, चेन्नई, कोच्चि, मुंबई और जयपुर में मेट्रो का परिचालन शुरू हो चुका है. साथ ही नागपुर, पुणे, भोपाल, इंदौर, अहमदाबाद, विजयवाड़ा, गुवाहाटी, विशाखापट्टनम, केरल और पटना में मेट्रो प्रोजेक्ट का काम चल रहा है. केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक पुणे में दिसंबर, 2021 और नागपुर में मार्च 2018 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है.
अब विस्तार से जानते हैं कि इन 9 शहरों में मेट्रो परियोजनाओं का काम कब शुरू हुआ, कब पूरा हुआ, कितना खर्चा आया जैसी कई अहम जानकारियां.
कोलकाता मेट्रो
- पहली मेट्रो परियोजना की शुरुआत पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुई थी.
- महानगर परिवहन परियोजना ने साल 1971 में मास्टर प्लान के तहत बनाई थी योजना
- यहां करीब पांच लाख लोग रोजाना कोलकाता मेट्रो से सफर करते हैं.
- साल 1995 में दमदम से टॉलीगंज तक फेज-1 का निर्माण काम पूरा हुआ. इसके बाद फेज-2 के तहत साल 2009 में महानायक उत्तम नगर से कवि नाजरुल स्टेशन तक मेट्रो सेवा शुरू हुई.
- साल 2010 और 2013 में इसे क्रमश: कवि सुभाष स्टेशन और नावपारा स्टेशन तक बढ़ा दिया गया.
- भविष्य में कोलकाता मेट्रो को पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर के तहत हावड़ा रेलवे स्टेशन और बिधाननगर तक बढ़ाने की योजना है.
ये मेट्रो परियोजना दुनिया के दो सबसे व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों को जोड़ेगी. यही नहीं, इसका मेट्रो ट्रैक हुगली नदी से होते हुए गुजरेगा. ये देश की पहली किसी नदी से गुजरने वाली मेट्रो होगी.
दिल्ली मेट्रो
दिल्ली मेट्रो ने राजधानी की सड़कों से करीब 3.9 लाख वाहनों को कम करने में मदद की है. दिल्ली मेट्रो पांच लाइनों (रेड, येलो, ब्लू, ग्रीन और वॉयलेट) पर रेल यात्रा का संचालन करता है. इन पांच लाइनों पर चार, छह और आठ कोच वाली 235 ट्रेनें चलती है. आंकड़ों के मुताबिक, 6 कोच वाली 100 से ज्यादा ट्रेनें और आठ कोच वाली करीब 60 ट्रेनें चल रही है.
- 25 दिसंबर 2002 को दिल्ली में सबसे पहले शाहदरा से तीस हजारी के बीच मेट्रो की शुरुआत हुई
- फिलहाल, दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 164 स्टेशनों के बीच 218.17 किमी तक फैला हुआ है.
- 164 स्टेशनों में एयरपोर्ट एक्सप्रेस के छह स्टेशन भी शामिल
- ये नेटवर्क दिल्ली, यूपी के नोएडा और गाजियाबाद, हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद में फैला हुआ है.
- इस समय येलो लाइन और ब्लू लाइन मिलकर हर दिन 9 लाख और रेड लाइन पर हर दिन 3.5 लाख यात्री सफर करते हैं.
- पहले चरण में 10,571 करोड़, दूसरे चरण में 18,783 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि तीसरे चरण का कुल 41,079 करोड़ रुपये का बजट है.
बेंगलुरु मेट्रो
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में स्थित मेट्रो को नम्मा मेट्रो के नाम से भी जाना जाता है. बेंगलुरु में सबसे पहले मेट्रो ऑपरेशन की शुरुआत 20 अक्टूबर, 2011 को एमजी रोड से बैयप्पनहल्ली स्टेशन के बीच हुई थी. वर्तमान में बेंगलुरु में दो मेट्रो लाइन (पर्पल और ग्रीन) 42.30 किमी के एरिया में संचालित हो रही है. जिसमें से पर्पल लाइन की कुल लंबाई 18.10 किमी और ग्रीन लाइन की कुल लंबाई 24.20 किमी है.
साल 2006 में , बेंगलुरु मेट्रो परियोजना का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2010 तक काम पूरा होना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका, जिस वजह से चार बार बजट भी बढ़ाया गया. बजट बढ़ाए जाने के बाद फेज-1 के लिए कुल 14,405 करोड़ रुपये का खर्चा आया.
साल 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु मेट्रो से रोजाना करीब 9.78 लाख यात्री सफर करते हैं, जबकि साल 2021 तक यात्रियों की संख्या बढ़कर 13.65 लाख होने की उम्मीद है.
बेंगलुरु मेट्रो के फेज-2 के लिए चार जनवरी 2011 को इजाजत दी जा चुकी है. इस योजना के तहत तीन नई लाइने डार्क ब्लू, रेड और यलो पर 72 किमी का कार्य निर्माणधीन है. फेज-2 में कुल 61 मेट्रो स्टेशन बनाए जा रहे हैं, जिसका बजट करीब 26,405 करोड़ रुपये का है.
मुंबई मेट्रो
मुंबई मेट्रो की नींव जून 2006 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रखी थी. फरवरी 2008 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ. उसके बाद मुंबई में यात्रियों को लेकर सबसे पहले मेट्रो ट्रेन 8 जून 2014 को दौड़ी थी. वर्सोवा-अंधेरी-घाटकोपर के बीच 11.40 किमी तक मेट्रो रेलवे बनाने के लिए फेज-1 के तहत कुल 4,321 करोड़ रुपये का खर्च आया.
वर्सोवा से घाटकोपर तक के सफर के लिए करीब 21 मिनट का समय लगता है. इसके अलावा करीब 3.40 लाख लोग रोजाना से इस रूट पर सफर करते हैं. मुंबई मेट्रो ने अपनी सेवा की शुरुआत के पहले महीने में ही 10 लाख मुसाफिरों का आंकड़ा पार कर लिया था. उसके बाद 400 से भी कम दिनों में 10 करोड़ का आंकड़ा छू लिया था.
फेज-2 (42 किमी) और फेज-3 (33.5 किमी) के लिए निर्माण कार्य जारी है. इसके लिए क्रमश: करीब 17,396 करोड़ और 23,136 करोड़ रुपये अनुमानित खर्चा आना है.
चेन्नई मेट्रो
चेन्नई मेट्रो परियोजना फेज-1 के तहत कुल 45 किलोमीटर तक मेट्रो लाइन बिछाई गई है. चेन्नई में सबसे पहले मेट्रो का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने जून 2015 में किया था. कोयाम्बेडू से अलांदुर (10.15किमी) के बीच चलने वाली पहली मेट्रो थी. साल 2016 के आखिरी तक खत्म हुए फेज-1 में कुल 14,000 करोड़ रुपये का खर्चा आया है.
भारत सरकार ने चेन्नई मेट्रो परियोजना के लिए 28 जनवरी 2009 में अपनी स्वीकृति दे दी थी, जबकि निर्माण कार्य की शुरुआत साल 2011 में हुई थी. साल 2016 के आंकड़ों के मुताबिक, चेन्नई मेट्रो से रोजाना करीब 7,56,466 लोग सफर करते हैं और 2026 तक 10,64,048 लोगों का सफर करने का अनुमान है.
19 जुलाई, 2017 की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चेन्नई में मेट्रो रेल सेवा के दूसरे चरण को नीति स्तरीय मंजूरी दे दी गई है, जिस पर करीब 88,897 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
कोच्चि मेट्रो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल 17 जून को कोच्चि मेट्रो को हरी झंडी दिखाई थी. यहां मेट्रो 13 किलोमीटर लंबे आलुवा से पालारिवट्टम मार्ग पर 11 स्टेशनों को जोड़ती है. आलुवा से पेट्टा तक की 25 किलोमीटर की परियोजना के लिए कुल 5,180 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. लेकिन अभी इसके एक ही हिस्से का उद्घाटन किया गया है.
कोच्चि मेट्रो को बनाने का काम साल 2012 में शुरू हुआ था, जब पूर्व ओमन चांडी सरकार ने इस परियोजना को 'मेट्रो मैन' ई श्रीधरन को सौंपा था. ओमन चांडी सरकार ने 2005 में इस परियोजना को मंजूरी दी थी. उसके बाद साल 2006 में अच्युतानंदन की सरकार आ गई और यह परियोजना ठंडे बस्ते में चली गई. लेकिन चांडी के दोबारा 2011 में सत्ता में आने के बाद इस परियोजना पर काम तेजी से शुरू हुआ.
कोच्चि मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (केएमआरएल) के एक अधिकारी के मुताबिक, कोच्चि मेट्रो में हर दिन करीब 47,646 यात्री सफर करते हैं, जबकि यह संख्या 20,000 से लेकर 98,000 के बीच है.
जयपुर मेट्रो
राजस्थान की राजधानी जयपुर की जनसंख्या 30.73 लाख है, जो कि 2031 तक 81.1 लाख होने का अनुमान है. 3 जून 2015 से जयपुर के आम लोगों को मेट्रो सेवा की सौगात मिली थी. जबकि इससे पहले निर्माण कार्य फेज-1A के तहत मानसरोवर से चांदपोल बाजार के बीच 9.63 किमी के लिए 13 नवंबर 2010 को शुरू हुआ था.
फिलहाल फेज-1B और फेज-2 के लिए निर्माण कार्य प्रगति पर है. चांदपोल बाजार से बड़ी चौपरा (फेज-1B) का कार्य अगस्त 2018 तक पूरा होने का अनुमान है. फेज-1 और फेज-2 के तहत कुल 35.078 किमी रेलवे ट्रैक का निर्माण होना है, जिस पर 31 मेट्रो स्टेशन होंगे.
बता दें, फेज-1 के लिए कुल 3,149 करोड़ और फेज-2 के लिए 6,583 करोड़ रुपये का खर्चा आने का प्रस्ताव है.
लखनऊ मेट्रो
लखनऊ मेट्रो का निर्माण कार्य 27 सितंबर 2014 को तत्कालीन यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में शुरू हुआ था. तीन साल से भी कम समय में 6 सितंबर 2017 से लखनऊ वासियों के लिए मेट्रो की शुरुआत हो गई. पहले चरण के ए भाग में मेट्रो ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग तक 8.5 किमी तक चलाया गया. इन दोनों स्टेशनों के बीच कुल 8 स्टेशन और 5 ट्रेनें है.
लखनऊ मेट्रो परियोजना के पहले चरण के ए भाग के लिए कुल 6,880 करोड़ रुपये का खर्च आया. बता दें, लखनऊ नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर (एयरपोर्ट से मुंशी पुलिया) पर करीब 23 किमी रेलवे लाइन पर निर्माण कार्य जारी है.
हैदराबाद मेट्रो
- 28 नवंबर, 2017 को हुई शुरुआत, प्रोजेक्ट 2012 में शुरू हुआ था
- मियापुर से नागोले के बीच 30 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन, कुल 24 स्टेशन
- तीन चरणों में होगा मेट्रो प्रोजेक्ट, 2018 तक का समय
- प्रोजेक्ट में देरी के कारण लागत 14,132 करोड़ रुपये से बढ़कर करीब 18,800 करोड़ हुई
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