‘फ्लाइंग सिख’ नाम से मशहूर एथलीट मिल्खा सिंह (Milkha Singh) अब इस दुनिया में नहीं रहे. 1958 टोक्यो एशियाई खेलों में 200 मीटर और 400 मीटर में स्वर्ण पदक जीतने वाले 91 साल के मिल्खा सिंह का शुक्रवार रात निधन हो गया.
उन्हें 9 मई को कोरोना वायरस संक्रमण हुआ था. जिसके बाद 3 जून को इलाज के लिए पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) में भर्ती कराया गया था.
पत्नि की मौत के 5 दिन बाद मिल्खा सिंह का निधन
13 जून को ही उनकी पत्नी और पूर्व वॉलीबाल नेशनल कैप्टन, निर्मल कौर का निधन हो गया था. पत्नी की मौत के 5 दिन बाद अब मिल्खा सिंह भी इस दुनिया को छोड़कर चले गए.
चार एशियाड में गोल्ड जीतने वाले लीजेंड
1958 टोक्यो एशियाई खेलों में 200 मीटर और 400 मीटर में स्वर्ण पदक जीतने वाले मिल्खा 1962 जकार्ता एशियाई खेलों में भी 400 मीटर और चार गुणा 400 मीटर रिले में स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुके हैं. उन्हें साल 1959 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.
मिल्खा सिंह 1958 में पहले ऐसे भारतीय एथलीट बने जिन्होंने कार्डिफ कॉमनवेल्थ गेम में स्वर्ण पदक जीता था. मिल्खा सिंह ने 400 मीटर रेस में साउथ अफ्रीका के मैलकम स्पेंस को पछाड़ते हुए 46.6 सेकंड में दौड़ पूरी की थी. जब्कि 200 मीटर रेस में उन्होंने पाकिस्तान के अब्दुल खालिक को हराया था. मिल्खा ने यह दोड़ मात्र 21.6 सेकंड में पूरा किया था.
कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड का यह रिकॉर्ड उनके साथ 50 सालों से अधिक रहा जिसे 2010 में दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम में कृष्णा पूनिया ने डिस्कस थ्रो में गोल्ड जीतकर तोड़ा था.
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