प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अाबे 14 सितंबर को मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट की नींव रखने जा रहे हैं.
गुजरात के साबरमती में इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास होने जा रहा है.
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508 किलोमीटर लंबे बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर लगभग 1,08,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसे भारत जापान के साथ मिलकर पूरा करेगा. प्रोजेक्ट के लिए 81% फंड जापान की ओर से दिया जाएगा.
इसके तहत जापान भारत को 88,000 करोड़ रुपये का लोन देगा. ये लोन सिर्फ 0.1 फीसदी की ब्याज दर पर दिया जाएगा, जिसका रीपेमेंट 50 साल बाद शुरू होगा.
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का काम 2018 में शुरू होना था, लेकिन अब इस प्रोजेक्ट के लिए आधारशिला समय से पहले रखी जा रही है.
ये प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा होगा.
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जानिए प्रोजेक्ट से जुड़ी कुछ खास बातें..
- मुंबई से अहमदाबाद पहुंचने में सिर्फ 2 घंटा 58 मिनट का समय लगेगा.
- संजीव सिन्हा को इस प्रोजेक्ट का एडवाइजर बनाया गया है. संजय सिन्हा टोक्यो में टाटा के पूर्व एग्जिक्यूटिव हैं.
- भारत सरकार साबरमती, सूरत, वडोदरा सहित कुल 508 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट को जोड़ने की दिशा में काम कर रही है.
- इस प्रोजेक्ट से लगभग 20 हजार मजदूरों को रोजगार मिलने की संभावना है.
- वडोदरा में एक हाईस्पीड रेल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भी बनाया जाएगा. ये इंस्टीट्यूट 2020 तक काम करने लगेगा. अगले तीन सालों में यहां तकरीबन 4000 रेलकर्मी बुलेट ट्रेन संचालन का ट्रेनिंग लेंगे.
- भारतीय रेलवे के 300 युवा अधिकारी जापान में बुलेट ट्रेन से जुड़ी ट्रेनिंग ले रहे हैं. ट्रेनिंग का पूरा खर्च जापान सरकार उठा रही है.
- प्रोजेक्ट को ध्यान में रखते हुए जापान सरकार ने हर साल 20 भारतीय अधिकारियों को जापानी यूनिवर्सिटी में पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स के तहत ट्रेनिंग देने का प्रपोजल दिया है.
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