केंद्र सरकार की कैबिनेट मीटिंग में आज कई अहम फैसले हुए और कई योजनाओं को मंजूरी मिली. रोजगार के संकट को दूर करने के लिए कैबिनेट ने आज आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को मंजूरी दे दी. इस योजना के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में 1584 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. साथ ही 2020-23 में इस योजना में कुल 22,810 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस योजना से 58.5 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा. केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कैबिनेट की बैठक के बाद इसकी जानकारी दी.
बता दें कि ये योजना 1 अक्टूबर 2020 को लागू माना जाएगा और यह योजना 30 जून 2021 तक रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई है.
डिजिटल इंडिया को मजबूत करने के लिए प्लान
डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने पीएम-पब्लिक वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम-वाणी) को भी मंजूरी दी. इसके तहत देश में पब्लिक डेटा ऑफिस खोले जाएंगे. इनके लिए लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन या फीस की जरूरत नहीं होगी. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कैबिनेट ने एक करोड़ डेटा सेंटर की स्थापना करने को भी मंजूरी दी है.
कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया,
“कैबिनेट ने देश में बड़े पैमाने पर वाई-फाई नेटवर्क को दिलाने के लिए पीएम- वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस-लॉन्च करने का फैसला लिया है. देश में सार्वजनिक डेटा केंद्र खोले जाएंगे. इसके लिए कोई लाइसेंस फी या रेजिस्ट्रेशन नहीं होगा.”
रविशंकर प्रसाद ने ये भी बताया कि कैबिनेट ने कोच्चि और लक्षद्वीप के बीच सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी है.
अरुणाचल प्रदेश के गांव में मोबाइल कवरेज
इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए व्यापक दूरसंचार विकास योजना के तहत अरुणाचल प्रदेश और असम के दो जिलों में मोबाइल कवरेज प्रदान करने के लिए यूएसओएफ योजना को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत 2374 वैसे गांवों को मोबाइल कवरेज से जोड़ा जाएगा जो अब तक छूट गए थे.
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