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मोदी कैबिनेट विस्तार में 43 नए मंत्री, जातीय, धार्मिक समीकरण बिठाने पर फोकस

नए मंत्रियों की टीम में एससी और एसटी प्रतिनिधित्व रिकॉर्ड स्तर पर रह सकता है

Published
भारत
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मोदी कैबिनेट विस्तार में 43 नए मंत्री, जातीय, धार्मिक समीकरण बिठाने पर फोकस
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट विस्तार में कम से कम 43 नए सदस्य शामिल होने वाले हैं. सभी नए-नवेले मंत्रियों का शपथ ग्रहण 7 जुलाई की शाम को होने वाला है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक नए मंत्रियों की टीम में एससी और एसटी प्रतिनिधित्व रिकॉर्ड स्तर पर रह सकता है. इसके अलावा भी मंत्रिमंडल विस्तार में कई सारे पैमानों को ध्यान में रखा गया है.

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कैबिनेट विस्तार के पहले पीएम मोदी के आवास पर बैठक बुलाई गई. इसमें गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, सांसद मीनाक्षी लेखी, सर्वानंद सोनोवाल, पुरुषोत्तम रूपाला, नीतीश प्रमाणिक, आरसीपी सिंह, पशुपति पारस, नारायण राणे, अनुराग ठाकुर, ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल रहे.

SC-ST समुदाय के प्रतिनिधित्व का खास ख्याल

न्यूज एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अनुसूचित जाति समुदाय से 12 नए मंत्री शामिल हो सकते हैं, इनमें से दो को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलेगा. वहीं अनुसूचित जनजाति समुदाय से 8 सदस्य होंगे, इनमें से 3 सदस्य कैबिनेट का हिस्सा होंगे.

कैबिनेट विस्तार के बाद मोदी सरकार की टीम में 27 ओबीसी नेता होंगे और सिर्फ कैबिनेट में ही 5 ओबीसी नेता होंगे. सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट विस्तार में प्रोफेश्नल लोगों को ज्यादा तरजीह दी जाएगी.

प्रोफेशनल लोगों को भी विस्तार में जगह

मंत्रिमंडल विस्तार के बाद टीम मोदी में 13 वकील, 6 डॉक्टर, 5 इंजीनियर और 7 सिविल सेवकों को जगह मिलेगी.

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मंत्री परिषद की औसत उम्र कम करने पर फोकस

कैबिनेट विस्तार में खास फोकस औसत उम्र को कम करने पर रहा है. विस्तार के बाद टीम मोदी में 14 ऐसे मंत्री होंगे जिनकी उम्र 50 साल से कम होगी. इनमें से 6 मंत्री कैबिनेट में शामिल किए जाएंगे.

39 पूर्व विधायक, 4 पूर्व मुख्यमंत्री टीम मोदी में शामिल

मोदी कैबिनेट के विस्तार में प्रशासनिक अनुभव को भी खास तवज्जो दी गई है. 39 पूर्व विधायकों और 4 पूर्व मुख्यमंत्रियों को विस्तार में शामिल किया जाएगा. विस्तार में अल्पसंख्यक नेताओं को भी शामिल किया जा सकता है.

जानकार बताते हैं कि ईसाई, मुस्लिम और सिख समुदाय से एक-एक सदस्य मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. वहीं बौद्ध समुदाय से दो लोगों को जगह मिल सकती है. पूर्वोत्तर भारत से 5 मंत्री बनाए जा सकते हैं.

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