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मोदी सरकार 3.0 में जगह मिलने की संभावना पर क्या बोले कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ?

वरिष्ठ जेडी(यू) नेता कहते हैं, "रामनाथ ठाकुर के मंत्री बनने से हमें कर्पूरी ठाकुर के विचारों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे बिहार के ईबीसी समुदाय को एक बड़ा संदेश जाएगा."

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भारत
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जनता दल यूनाइटेड (JDU) से दो बार के राज्यसभा सांसद रामनाथ कुमार (Ramnath Kumar) को नरेंद्र मोदी सरकार कैबिनेट में मंत्री पद मिल सकता है. रामनाथ बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) के बेटे हैं. मोदी सरकार ने इस साल की शुरुआत में कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया था.

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रामनाथ ठाकुर ने मोदी कैबिनेट में जगह मिलने की चर्चा पर कहा कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार का शुक्रिया अदा किया. रामनाथ ठाकुर ने कहा,

"मैं अपने को भाग्यशाली मानता हूं कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने और बिहार सरकार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने मेरे जैसे छोटे आदमी पर भरोसा जताया. मैं उस भरोसे पर पानी फेरने का काम नहीं करूंगा और उनके काम को आगे बढ़ाने और उनका हाथ मजबूत करने का काम करूंगा"

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, रामनाथ कुमार के परिवार के एक सदस्य ने उन्हें मंत्री पद मिलने की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि "हम इस सम्मान से अभिभूत हैं. जननायक कर्पूरी ठाकुर को इस साल की शुरुआत में भारत रत्न मिलने के बाद यह दोहरी खुशी है. इससे रामनाथ ठाकुर को बड़ी जिम्मेदारी का अहसास हो रहा है और उन्हें जो जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे वह बखूबी निभाएंगे."

इसके साथ ही इंडियन एक्सप्रेस ने बिना नाम बताए, एक वरिष्ठ नेता के हवाल से कहा कि रामनाथ ठाकुर मंत्री पद के लिए एक सीधा विकल्प थे. उन्होंने कहा...

"रामनाथ ठाकुर मंत्री पद के लिए एक सीधा विकल्प थे. कर्पूरी ठाकुर हमारे लिए सिर्फ प्रतीकात्मकता का मामला नहीं हैं, नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा और शासन के तरीकों से बहुत कुछ सीखा है. रामनाथ ठाकुर के मंत्री बनने से हमें कर्पूरी के विचारधारा को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे बिहार के अति पिछड़ा वर्ग (EBC) समुदाय को एक बड़ा संदेश जाएगा."
जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा

पिता के मृत्यु के बाद राजनीति में हुए एक्टिव

समस्तीपुर के रहने वाले रामनाथ ठाकुर ने 2005 से 2010 के बीच बिहार के मंत्री के रूप में भी काम किया है. कामनाथ 1970 में अपने पिता की सहायता करते हुए अपना राजनीतिक जीवन शुरू तो कर लिया लेकिन चुनावी राजनीति में कभी एक्टिव नहीं हुए क्योंकि कर्पूरी कभी अपने बेटे को राजनीति में आगे नहीं बढ़ाना चाहते थे.

फरवरी 1988 में कर्पूरी की मृत्यु के कुछ महीनों बाद, रामनाथ ने चुनावी राजनीति में कदम रखा और विधायक चुने गए. उन्हें 1994 में बिहार विधानमंडल के उच्च सदन के लिए नामित किया गया था. ठाकुर ने 2000, फरवरी 2005 और फिर अक्टूबर 2005 में समस्तीपुर से विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक लड़ा और भूमि और राजस्व मंत्री के रूप में काम किया.

हालांकि, 2010 के विधानसभा चुनाव में रामनाथ मामूली अंतर से हार गए. इस चुनाव में नीतीश के नेतृत्व वाले एनडीए ने बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 206 सीटें जीती थीं.

चुनाव में हार के बाद चुनाव में फिर से एक बार रामनाथ शांत हो गए और चुनावी रैलियों में एक्टिव नहीं दिखें. लेकिन फिर 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले उन्हें जेडीयू की ओर से राज्यसभा सांसद का नामांकन मिला. 2020 में रामनाथ फिर से राज्यसभा सांसद चुने गए.

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