मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों (सहरिया आदिवासियों) के घर के बाहर लिखे संदेश 'मेरा परिवार गरीब है' को मिटाया जा रहा है. विरोध होने पर ये काम रात के अंधेरे में चल रहा है.
शिवपुरी के विनैगा गांव के सहरिया आदिवासियों ने मंगलवार को बताया कि सोमवार की रात को कई लोग लोग आए थे और उन्होंने घरों के बाहर लिखे संदेश को न सिर्फ मिटाया, बल्कि उसके ऊपर सफेद रंग भी पोत दिया है.
सरकार के सर्वे में लिखाया गया था
पिछले दिनों सरकार की ओर से सर्वेक्षण करने वालों ने सहरिया आदिवासियों के घरों के बाहर 'मेरा परिवार गरीब है' लिखा था. साथ ही बीपीएल कार्ड नंबर और परिवार की मुखिया का नाम भी लिखा गया था. इस बात का खुलासा कानून के छात्र अभय जैन ने किया था. आदिवासियों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने वाले इस कारनामे की शिकायत उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से भी की थी.
इस मामले ने बाद में राजनीतिक रंग भी ले लिया था. जहां कांग्रेस ने इस कृत्य पर राज्य सरकार की आलोचना की थी, वहीं सरकार बचाव की मुद्रा में थी. जिलाधिकारी तरुण राठी का कहना है,
आदिवासियों के घर के बाहर ‘मेरा परिवार गरीब है’ किसने लिखवाया है, इसकी जांच हो रही हैं. फिलहाल तो प्रशासन ने इस स्लोगन को रंगीन पेंट से पुतवा दिया है.
आदिवासी परिवारों ने बताया कि उनकी बस्ती में बिजली और पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. वहीं, जो लोग उनके घरों के बाहर लिखे गए संदेश को मिटवाने के लिए आए थे, उन्होंने आश्वासन दिया है कि बस्ती में बिजली के लिए नया ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा. साथ ही कहा कि पानी के लिए नया हैंडपंप खुदवाएंगे. ये आश्वासन देने के बाद सारे घरों के बाहर लिखे संदेश को सफेद रंग से पुतवा दिया गया.
(इनपुट: IANS)
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