10 साल में पेट्रोल 80 परसेंट महंगा हो गया, डीजल के दाम तो 120 परसेंट ज्यादा बढ़ गए पर भारत के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी की सैलरी दस साल से जस की तस है.
मतलब ये है कि 2008 में भी उन्हें रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन के तौर पर सालाना 15 करोड़ रुपए सैलरी मिलती थी और 2018 में भी उनको इसी सैलरी से ही काम चलाना पड़ रहा है.
देश की इकनॉमी पिछले 10 साल में बढ़ती कहां से कहां तक पहुंच गई, लेकिन मुकेश अंबानी की सैलरी अटक गई. साल 2008 में जब उनकी सालाना तनख्वाह सालाना 24 करोड़ रुपया थी तो उन्होंने फैसला किया कि वो सिर्फ 15 करोड़ रुपए ही सालाना सैलरी लेंगे. ये वक्त था जब रिलायंस इंडस्ट्री के शेयर में भी गिरावट आ रही थी.
रिश्तेदारों की सैलरी में बंपर इजाफा
मुकेश अंबानी की सैलरी तो नहीं बढ़ी पर 2017-18 में रिलायंस इंडस्ट्रीज में काम करने वाले उनके रिश्तेदारों की सैलरी में बंपर बढ़ोतरी हुई. अंबानी के रिश्तेदार निखिल और हितल समेत कंपनी के डायरेक्टर्स की सैलरी 2016-17 के मुकाबले 2017-18 में 25 परसेंट तक बढ़ाई गई.
निखिल और हितल मेसवानी की सैलरी 16.85 करोड़ से बढ़कर 19.99 करोड़ हो गई है. 2014 में इन दोनों की सैलरी 12.03 करोड़ रुपए थी जो 2016-17 में 16.85 करोड़ रुपए हो गई थी.
मुकेश अंबानी की नेटवर्थ
फोर्ब्स के मुताबिक, मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 2.75 लाख करोड़ रुपए है. वो रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन हैं जिसकी सालाना आय करीब 3.4 लाख करोड़ रुपए है.
दुनिया के सबसे अमीर लोगों की फोर्ब्स की टॉप 100 लिस्ट में मुकेश अंबानी 19 वें नंबर पर हैं. 2017 में 33वें नंबर पर थे. इसी साल आए ब्लूमबर्ग के रॉबिनहुड इंडेक्स में अनुमान लगाया गया था कि मुकेश अंबानी के पास इतनी संपत्ति है कि वो 20 दिनों सरकार का खर्च तक चला सकते हैं.
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