झारखंड पुलिस ने तबरेज अंसारी मॉब लिचिंग कांड में सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट से हत्या का आरोप हटा दिया. 11 सितंबर को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से जब टाइम्स नाउ के रिपोर्टर ने इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ‘‘अभी तक उन्होंने ऐसी कोई खबर नहीं देखी है.’’ इसके बाद जब पत्रकार ने इस मामले पर कुछ कहने के लिए कहा तो नकवी ने कोई भी बयान देने से साफ मना कर दिया.
ये पहली बार नहीं है जब नकवी मॉब लिंचिंग पर बात करने से बचते नजर आए.
‘‘ज्यादातर मॉब लिंचिंग के केस मनगढ़ंत होते हैं’’-नकवी
21 जुलाई को इंडिया टुडे से बात करते हुए मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था कि ज्यादातर मॉब लिंचिंग के केस ‘मनगढ़ंत और फर्जी’ होते हैं. नकवी ने ये बात समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां के उस बयान के जवाब में कही थी जहां खां ने कहा था कि ‘मुसलमानों के पाकिस्तान न जाने की सजा मिल रही है.’
‘‘अगर मुसलमान पाकिस्तान गए होते तो उनको ये सजा नहीं मिल रही होती. क्यों हमारे पूर्वज पाकिस्तान नहीं गए? क्योंकि वो भारत को ही अपना देश मानते थे. अब उनको सजा दी जाएगी और सहना होगा.’’आजम खां (लोकसभा सांसद, समाजवादी पार्टी)
नकवी के मुताबिक पहलू खान की लिंचिंग ही नहीं हुई थी
साल 2017 में राजस्थान के अलवर में दिन दहाड़े पेहलू खान को गोकशी के शक में भीड़ ने लिंच कर के मार दिया था. इसकी वीडियो भी वायरल हुई थी. नकवी ने संसद में कहा, ‘‘जो खबरें आ रही हैं, ऐसी कोई घटना नहीं हुई है.’’
बता दें कि राजस्थान की तत्कालीन वसुंधरा सरकार को पेहलू खान की मॉब लिंचिंग के लिए जमकर आलोचना सहनी पड़ी थी.
हालांकि नकवी के बयान पर बहुत हो हल्ला हुआ था और एक दिन बाद नकवी ने कबूल किया और कहा ‘‘ये एक संवेदनशील मामला है. राजस्थान सरकार जरूरी कदम उठा रही है. जिन लोगों ने ये किया है सभी गुंडे हैं. उनको हिंदू या मुसलमान की तरह न देखा जाए.’’
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