मुंबई में कई घंटों से लगातार हुई बारिश ने सब कुछ बदलकर रख दिया है. चहल-पहल भरी मुंबई अब शांत नजर आ रही है. हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. लेकिन अब हर किसी के जेहन में एक ही सवाल है कि आखिर जलभराव से होने वाले इस नुकसान का जिम्मेदार कौन है? जहां बीएमसी और महाराष्ट्र सरकार को इसके लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है, वहीं इस बार की बारिश में मुंबई मेट्रो को भी लोग कोस रहे हैं.
इन इलाकों में चल रहा काम
इस साल बारिश की वजह से हुए जलभराव का जिम्मेदार कुछ लोग मेट्रो को भी ठहरा रहे हैं. मुंबई में कई जगहों पर मेट्रो कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है. जिससे जगह-जगह पर खुदाई की गई है. फिलहाल यहां चार लाइन पर मेट्रो का काम चल रहा है. जिनमें ठाने से सांता क्रूज, कोलाबा से सीप्स, दहिसर से डीएन नगर, वडाला से घाटकोपर तक जाने वाली मेट्रो के लिए कंस्ट्रक्शन किया जा रहा है. कोलाबा से सीप्स तक की मेट्रो अंडरग्राउंड और बाकी तीनों एलिवेटेड हैं.
बारिश से पहले इस बार भी मुंबई में पूरी तैयारी की बात कही गई थी. मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन डेवलेपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) ने इससे पहले दावा किया था कि बारिश के मौसम के लिए 75 इंजीनियरों, 150 मजदूरों और 30 हाई कैपेसिटी डी-वाटर पंप की व्यवस्था की गई है.
मुंबईकर्स की मुश्किल
मुंबई में रहने वाले लोगों के लिए मेट्रो निर्माण के चलते हुई खुदाई मुश्किल का सबब बन चुकी है. घाटकोपर, माहिम, दादर, विले पार्ले, डीएन नगर, सांता क्रूज, जोगेश्वरी,चर्च गेट पर रास्ता ब्लॉक, कोलाबा में खुदाई, ताड़देव, गिरगांव में रास्ता खुदा हुआ है. प्रभा देवी में भी खुदाई हुई है. इन सभी रास्तों से गुजरने वाले लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.
मेट्रो के काम पर पड़ेगा असर
बारिश के चलते मेट्रो के काम पर भी काफी असर पड़ने वाला है. अंडरग्राउंड मेट्रो के लिए की गई खुदाई में पानी भर चुका है. जिसे निकालने में अब काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है. फिलहाल पानी को डायवर्ट करने की कोशिश की जा रही है. मॉनसून में काम पहले से ही धीमा चल रहा था, वहीं अब दशक की सबसे बड़ी बारिश के कारण काम और मंदा हो जाएगा.
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