बिहार (Bihar) के मुंगेर (Munger) जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें स्टूडेंट्स मोबाइल की टॉर्च जलाकर एग्जाम दे रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक एग्जाम के वक्त अचानक मौसम खराब होने की वजह से परीक्षा हॉल में अंधेरा छा गया. कॉलेज में बिजली कनेक्शन तो था लेकिन लाइट कट गई और जनरेटर खराब था. बिजली कट जाने के बाद स्टूडेंट्स चिल्लाने लगे और इनविजीलेटर ने टॉर्च जलाने की छूट दे दी. इसके बाद एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स ने फोन प्रतिबंध होने के बावजूद मोबाइल टॉर्च के सहारे एग्जाम दिया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक आरडी एंड डीजे कॉलेज में जेआरएस कॉलेज के छात्रों का सेंटर पड़ा है, जहां स्नातक पार्ट 1 और 2 के सब्सिडी के इतिहास सब्जेक्ट का एग्जाम चल रहा है.
एग्जाम के वक्त बारिश की वजह से बिजली चली गई और जनरेटर भी स्टार्ट नही हो पाया. इसके बाद स्टूडेंट्स ने एग्जाम लिखने अपना-अपना मोबाइल निकाल उसके फ्लैश लाइट की रौशनी में ही एग्जाम लिखने लगे.
कॉलेज में करीब 800 छात्र 11 क्लास रूम में एग्जाम दे रहे थे. छात्रों ने कहा कि वो काफी दूर से परीक्षा देने आए हैं और यहां किसी प्रकार का कोई इंतजाम नहीं है, इस वजह से वो मोबाइल की लाइट में एग्जाम लिखने को मजबूर हैं.
बीए पार्ट 2 के छात्र सौरभ कुमार ने कहा कि
एक तो मैं बारिश में भींगकर आया और यहां पर लाइट की उचित व्यवस्था नहीं है. हमें मजबूरी में फोन का फ्लैश जलाकर एग्जाम देना पड़ रहा है, अगर फोन गलती से भी पलट जाए तो मैम आकर कहती हैं कि फोन यूज कर रहे हो. एक बार लाइट जली भी तो मुश्किल से 30-35 के बाद बंद हो गई.
बीए पार्ट 2 के छात्र अनुज कुमार ने कहा कि बिजली की व्यवस्था थी यहां पर बारिश की वजह से लाइट कट गई है, कॉलेज प्रशासन की कोई गलती नहीं है.
'हम जो व्यवस्था कर पा रहे हैं, कर रहे हैं'
सेंटर अधीक्षक संजय कुमार ने कहा कि आज इस तरह से बारिश हुई कि चारों तरफ पानी ही पानी था, जिससे जनरेटर का प्वाइंट भी खराब हो गया और बिजली भी नहीं है.
हमने मोमबत्ती मंगवाई और हर जगह जलवा रहे हैं, जो व्यवस्था हम कर पा रहे हैं कर रहे हैं. बिजली नहीं है तो वह हम नहीं ला सकते, जनरेटर का कारीगर आया है, वो उसे ठीक कर रहा है. उन्होंने कहा कि अचानक इतनी बारिश हो जाने की वजह से इतनी परेशानी हो गई, हम लोग व्यवस्था कर रहे हैं.
बता दें कि बिहार की राज्य सरकार द्वारा दावे किए जाते रहे हैं कि शिक्षा व्यवस्था में काफी सुधार किया गया है, कॉलेजों को हाईटेक किया जा रहा है. लेकिन उन सारे दावों का पोल इस तस्वीर के माध्यम से खुलता जा रहा है.
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