अयोध्या में 25 नवंबर को होने वाली विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की रैली से वहां के मुसलमान डर गए हैं. अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकारों के मुताबिक हालात दिसंबर 1992 जैसे दिख रहे हैं.
अयोध्या में इस दिन वीएचपी ही नहीं शिवसेना भी एक रैली कर रही है. राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद अयोध्या विवाद में मुकदमा करने वाले इकबाल अंसारी, हाजी महबूब और मोहम्मद उमर ने सुरक्षा मुहैया कराए जाने की गुहार लगाई है. इनका कहना है कि अगर उन्हें सुरक्षा मिली तो वो 25 नवंबर से पहले अयोध्या छोड़कर जाने को मजबूर हो सकते हैं.
उन्होंने दावा किया है कि शिवसेना और वीएचपी के आयोजनों को लेकर पूरा मुस्लिम समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है.
विश्व हिंदू परिषद और शिवसेना के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में अयोध्या में जमा हो रहे हैं, जिससे यहां मुस्लिम समुदाय बहुत डरा हुआ महसूस कर रहा है. हम अयोध्या छोड़ सकते हैं. हम सरकार से मांग करते हैं कि विश्व हिंदू परिषद और शिवसेना कार्यकर्ताओं के उपद्रव से मुसलमानों की जान और संपत्तियों को बचाने के लिए विशेष बल तैनात किये जाएं. वे अयोध्या को मुस्लिम मुक्त बनाने के अपने गुप्त एजेंडा के लिए हमला कर सकते हैं.इकबाल अंसारी, मुस्लिम पक्षकार
शिवसेना और विहिप के आयोजन को लेकर खौफ में है मुस्लिम समुदाय
अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा है कि शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद के आयोजन को लेकर मुस्लिम समुदाय खौफ में है. उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि 1992 जैसे हालात न बनें, इसके लिए मुस्लिम समुदाय को सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए.
1992 में हमारे घरों को आग लगा दी गई थी, जबकि हम लोग विवादित स्थल पर गए भी नहीं थे. मैंने अयोध्या के हिंदू और मुसलमानों के लिए सुरक्षा की मांग की है. अगर यहां 1992 जैसी भीड़ दोबारा उमड़ेगी, तो मुझे और अयोध्या के मुसलमानों को सुरक्षा चाहिए. सुरक्षा नहीं बढ़ाई गई तो हम 25 तारीख से पहले अयोध्या छोड़ देंगे.इकबाल अंसारी, मुस्लिम पक्षकार
हाजी महबूब ने भी कहा-
अयोध्या के मुसलमानों को अब भी छह दिसंबर का दिन याद है जब उन पर हमला किया गया था.
25 नवंबर को अयोध्या में है शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद की रैली
विश्व हिंदू परिषद 25 नवंबर को अयोध्या में संत सम्मेलन शुरू करने की योजना बना रहा है, वहीं शिवसेना ने उसी दिन अपने अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की बड़ी रैली कराने की घोषणा की है. ठाकरे एक दिन पहले यहां पहुंचेंगे और करीब 100 हिंदू धर्माचार्यों को सम्मानित करेंगे.
दोनों दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों ने दावा किया है कि उनके लाखों कार्यकर्ता और रामभक्त अयोध्या में पहुंचकर इन समारोहों में भाग लेंगे.
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