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मुजफ्फरपुर पर नीतीश बोले, HC की निगरानी में जांच, विपक्ष पर भड़के

‘चुप्पी’ के आरोप पर नीतीश ने दिया जवाब

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भारत
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बिहार सरकार ने मुजफ्फरपुर कांड की जांच सीबीआई को सौंप दी है. विपक्ष की कड़ी आलोचना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार इस घटना को लेकर खुलकर बात की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार ने विपक्ष के आरोपों को लेकर भी जवाब दिए.

नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर कांड को घृणित अपराध बताते हुए कहा कि बिहार पुलिस तेजी के साथ इस मामले की जांच कर रही थी. लेकिन फिर भी सरकार ने इस केस को सीबीआई को सौंप दिया है. अब सीबीआई हाई कोर्ट की निगरानी में इस मामले की जांच करेगी.

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नीतीश कुमार विपक्ष पर भी जमकर बरसे, दिल्ली में हुए कैंडल मार्च की चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा कि वो लोग इस चीज का आधार भ्रष्टाचार के मामले को दबाना चाहते हैं. जो लोग वहां कैंडल मार्च निकाल रहे थे वो वहां बैठकर मुस्कुरा रहे हैं. ऐसे संवेदनशील मुदे पर बैठकर मुस्कुराना उनकी नीयत को दर्शाता है. शरद यादव का बिना नाम लिए नीतीश ने कहा कि उस कैंडल मार्च में ऐसे लोग भी शामिल हुए जो महिलाओं के खिलाफ अपशब्द का इस्तेमाल करते है, वो अपने हाथों में कैंडल लेकर खड़े थे.   
‘चुप्पी’ के आरोप पर नीतीश ने दिया जवाब

चुप्पी के आरोप पर बोले नीतीश

सरकार ने सदन में इस मामले पर अपना बयान दिया. 'चुप्पी' की बात कही जा रही है...चुप्पी की व्याख्या तो अपनी-अपनी है, उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है.' उन्होंने कहा कि विपक्ष को समझना चाहिए कि सदन में जो बात मेरी मौजूदगी में कही जा रही है, वो सरकार का ही बयान है.

नीतीश ने कहा कि सरकार इस मामले में पूरी सक्रियता के साथ काम कर रही है.

HC की निगरानी में होगी CBI जांच

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि ये बहुत ही घृणित घटना है. इसकी जांच तेजी से और निष्पक्ष तरीके से हो, इसके लिए ये केस सीबीआई को सौंप दिया गया है. इसके अलावा सरकार ने हाई कोर्ट से भी अपील की है कि वह इस केस की निगरानी करे.

नीतीश कुमार ने माना, सिस्टम में है खामी

नीतीश कुमार ने स्वीकार किया है कि पूरे सिस्टम में खामी है. कुमार ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव को पूरे सिस्टम की समीक्षा करने को कहा है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि ऐसा क्यों होता है? उन्होंने कहा कि ये पूरे सिस्टम की खामी है. राष्ट्रीय योजना के तहत बाल गृह का संचालन करने के लिए जो सिस्टम है, उस पूरे सिस्टम में ही खामी है.

कुमार ने कहा ये सिस्टम बहुत दिनों से और पूरे देश में चल रहा है. लेकिन यहां समाज कल्याण विभाग ने ही सिस्टम की समीक्षा करने के लिए TISS को जिम्मेदारी दी, जिसके बाद ही यह मामला जानकारी में आया.

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