बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को लेकर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (TISS) की रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. TISS ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जो लड़कियां शेल्टर होम में रह रहीं थी, उनके साथ वहीं के कर्मचारियों द्वारा यौन शोषण किया गया. रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि शेल्टर होम के कर्मचारी अनुशासन के नाम पर लड़कियों के कमरे में घुस जाते थे और उनके साथ अत्याचार करते थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, लड़कियों के साथ अत्याचार में वहां तैनात स्टाफ भी संलिप्त था. शेल्टर होम में लड़कियों के साथ मारपीट की जाती थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि शेल्टर होम के कर्मचारी लड़कियों के साथ मारपीट करने के दौरान उनके निजी अंगों को भी चोट पहुंचाते थे.
TISS की रिपोर्ट में क्या है?
- रिपोर्ट में शेल्टर होम पर उठाए गए सवाल
- शेल्टर होम में लड़कियों के साथ हिंसा की घटनाएं हुईं
- नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण हुआ
- शेल्टर होम के कर्मचारियों ने लड़कियों से किया शोषण
- कमरे में घुसकर लड़कियों से मारपीट करते थे कर्मचारी
- कर्मचारी लड़कियों के निजी अंगों में चोट पहुंचाते थे
- अनुशासन के नाम पर लड़कियों का यौन शोषण किया जाता था
अनुशासन के नाम पर होती थी यौन हिंसा
रिपोर्ट में कहा गया है कि शेल्टर होम में लड़कियों के साथ अनुशासन के नाम पर यौन हिंसा होती थी. शेल्टर होम के कर्मचारी ही लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करते थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, अनुशासन का उल्लंघन करने और सजा देने के नाम पर लड़कियों के साथ यौन हिंसा की जाती थी. शेल्टर होम के पुरुष कर्मचारी किसी भी वक्त लड़कियों के कमरे में घुस जाते थे और उनके निजी अंगों को चोट पहुंचाते थे.
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