बिहार की नालंदा यूनिवर्सिटी में दो छात्रों पर तीन सहपाठी छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगने के बाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. धरना दे रहे छात्रों ने यूनिवर्सिटी के कुलपति पंकज मोहन पर दोनों आरोपियों को बचाने का भी आरोप लगाया. इसी के मद्देनजर कुलपति ने बुधवार को दो आरोपी छात्रों में से एक को विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया.
बुधवार, 29 मार्च को यूनिवर्सिटी के करीब सौ छात्र-छात्राओं ने धरना प्रदर्शन किया. छात्रों का आरोप है कि कुलपति ने इस मामले को महत्वपूर्ण नहीं समझा.
पुलिस ने कराया मामला शांत
पुलिस अधीक्षक आशीष कुमार ने यूनिवर्सिटी कुलपति ऑफिस के पास प्रदर्शन कर रहे छात्रों को शांत कराया. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उन्होंने धरना दे रहे छात्रों को यूनिवर्सिटी कुलपति से मिलाया और दोनों के बीच बातचीत के बाद मामला खत्म हो गया.
नालंदा यूनिवर्सिटी की मीडिया प्रभारी स्मिता पोलाइट ने बताया कि एक महीने पहले दो छात्रों के खिलाफ इस मामले में शिकायत मिली थी.
बीते 20 मार्च को शिकायत जांच समिति ने इस मामले की जांचकर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. जानकारी के अनुसार, दोनों आरोपी छात्र बिहार के बक्सर और गया जिले के रहने वाले हैं. इस मामले में एक आरोपी छात्र को एक दिन पहले मंगलवार को दूसरे छात्रावास में भेज दिया था.
पुलिस ऑफिसर ने बताया, सस्पेंड आरोपी छात्र पिछले कुछ दिनों से अपने सहपाठियों और कुलपति को धमकी भरा मेल भेज रहा था. फिलहाल उन्होंने छात्र के खिलाफ मामला दर्ज करने को कहा है.
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