UIDAI के चेयरमैन रहे नंदन नीलेकणि ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट की संवैधानिकता पर तो टिप्पणी की ही, साथ ही आधार के बुनियादी सिद्धांतों को भी जायज ठहराया है.
नीलेकणि ने कहा:
आधार एक यूनिक आइडेंटिटी प्रोजेक्ट है, जो देश के विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अहम है. आधार सबको साथ लेकर चलता है, आपको यूं ही व्यवस्था से बाहर नहीं रखता.
आधार से मिली है नई पहचान: नीलेकणि
नीलेकणि ने कहा है कि लोगों को आधार के जरिए नई पहचान मिली है. उन्होंने कहा, ''आधार देश की सर्वोच्च अदालत की नजरों से होकर गुजर चुका है. लोकतांत्रिक चर्चा और बहसों के जरिए हमने एक बेहतर और मजबूत आधार बनाया है.''
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है. लेकिन ये भी कहा है कि बैंकिग और मोबाइल सेवा से आधार लिंक करना जरूरी नहीं. मतलब अब मोबाइल कंपनी आपसे जबरदस्ती आधार नंबर से मोबइल लिंक करने या नए सिम के लिए आधार नंबर नहीं मांग सकती है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)