पंजाब में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है. मीडिया समेत सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसे महाराष्ट्र के नांदेड़ से लौटने वाले सिख श्रद्धालुओं को इसके लिए ज़िम्मेदार बता रहे हैं.
ABP न्यूज ने नांदेड़ से लौटे सिख श्रद्धालु, जिनमें संक्रमण पॉजिटिव पाया गया है, उनकी बात करते हुए अपनी हेडलाइन में इसे 'कोरोना विस्फोट' बताया. इस तरह की डरनुमा शब्दावली का उपयोग वैसा ही है, जैसे तब्लीगी जमात के संक्रमित मरीज़ों की बात करते हुए इसे 'कोरोना जिहाद' बताया गया था.
सिख श्रद्धालुओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर भी नकारात्मक कैंपेन चलाया गया.
कुछ सवाल, जिनके जवाब दिए जाने हैं
रिपोर्ट्स के मुताबिक अबतक नांदेड़ से लौटे 183 श्रद्धालुओं में कोरोना का संक्रमण पॉजिटिव पाया गया है. यह पंजाब के कुल मामलों की एक तिहाई संख्या है. नांदेड़ के हुजूर साहिब गुरूद्वारे में करीब चार हजार श्रद्धालु फंसे हुए थे. इनमें से कई को पंजाब सरकार ने प्रबंध कर वापिस बुला लिया है.
लेकिन इस बीच कुछ सवाल बने हुए हैं. महाराष्ट्र सरकार ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक नांदेड़ जिले में सिर्फ तीन कोरोना संक्रमित शख्स थे. तो हुजूर साहिब से आने वाले श्रद्धालुओं में पंजाब आने के बाद इतने बड़े पैमाने पर संक्रमण कैसे पाया गया? क्या इसका मतलब यह हुआ कि महाराष्ट्र में उनकी ठीक ढंग से स्क्रीनिंग नहीं की गई? या रास्ते में उनमें संक्रमण फैला? रिपोर्टों के मुताबिक जिन बसों मे इन श्रद्धालुओं को लाया गया, वे इंदौर में रुकी थीं, जो एक बड़ा कोरोना हॉटस्पॉट है.
अब तक पंजाब सरकार कुछ हद तक लौटने वाले श्रद्धालुओं से फैलने वाले संक्रमण को रोकने में कामयाब रही है. लेकिन श्रद्दालुओं में कोरोना कैसे फैला, इसकी जांच किया जाना बाकी है.
लेकिन इन सटीक सवालों को पूछने के बजाए श्रद्धालुओं के खिलाफ बदनामी का कैंपेन चलाया जा रहा है.
अकाल तख्त जत्थेदार ने बताया साजिश
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा है कि यह श्रद्धालुओं की बदनामी कर अल्पसंख्यक समुदाय को बदनाम करने की साजिश है.
उन्होंने कहा, ''तब्लीगी जमात के मामले के बहाने पूरे मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया गया. अब हुजूर साहिब को कोरोना वायरस का केंद्र बताकर सिख समुदाय को बदनाम किया जा रहा है. यह एक साजिश है.''
उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि नांदेड़ में जिन श्रद्धालुओं में कोरोना नहीं पाया गया था, पंजाब आते ही वे पॉजिटिव कैसे पाए गए?
उन्होंने आगे कहा, ''श्रद्धालुओं की तीन बार स्क्रीनिंग हुई थी, तीनों बार उनके नतीजे नेगेटिव आए थे. नांदेड़ में सिर्फ दो कोरोना के मरीज हैं. तो पिछले एक महीने से गुरूद्वारे में रुके लोगों में पंजाब पहुंचने के बाद एकदम से कोरोना टेस्ट पॉजिटिव कैसे आने लगे.''
बता दें पहले भी जत्थेदार ज्ञानी सिंह ने कहा था कि कोविड-19 के बहाने मुस्लिम और सिखों के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है.
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