नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड मामले में पुलिस को शनिवार को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने गोलियां चलाने के आरोपी सचिन अन्धूरे को औरंगाबाद से गिरफ्तार कर लिया है.
हत्याकांड की जांच में कट्टरपंथी संगठन सनातन संस्था का नाम सामने आया था. मुख्य साजिशकर्ता वीरेंद्र तावड़े को पहले ही 20 जून 2016 को गिरफ्तार कर लिया गया है. सचिन की गिरफ्तारी के बाद नरेंद्र दाभोलकर की बेटी मुक्ता दाभोलकर ने कहा, ‘उनकी हत्या एक बड़ी साजिश का हिस्सा है.’ उन्होंने कहा,
उनके (पिताजी) के मर्डर के बाद, उसी तरीके से 3 और मर्डर हुए हैं. जांच एजेंसियों का कहना है कि चारों हत्याओं के तार जुड़ रहे हैं. यह एक बड़ी साजिश है. उन्हें उनकी अलग विचारधारा के चलते मारा गया है.मुक्ता दाभोलकर
नरेंद्र दाभोलकर के बाद कन्नड़ लेखक कलबुर्गी, गोविंद पनसारे और पत्रकार गौरी लंकेश की भी हत्या विचारधारा के चलते होने का आरोप लगाया जा रहा है.
क्या है मामला...
दाभोलकर ने अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति बनाई थी. यह लोगों में अंधविश्वासों को खत्म करने के लिए करने वाली संस्था है. समिति के कामों और दाभोलकर के लेखों से दक्षिणपंथी कट्टरपंथी उनसे नाराज रहते थे.
तर्कवादी और मराठी लेखक नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 की सुबह गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले में अन्धूर के अलावा औरंगाबाद के जालना से ही एक दूसरे शख्स को भी गिरफ्तार किया गया है. आरोप है जब सचिन दाभोलकर को गोली मार रहा था तब ये शख्स गाड़ी चला रहा था.
कोर्ट ने लगाई थी फटकार...
मामले में धीमी जांच के लिए मुंबई हाईकोर्ट ने राज्य और केंद्रीय जांच एजेंसियों को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था, 'जांच एजेंसियां काम तेज नहीं कर रही हैं. देश में खौफनाक दौर शुरू हो चुका है जहां कोई खुलकर अपनी बात नहीं कर पा रहा है या बोल पा रहा है.'
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