लखनऊ का ऐशबाग पिछले दो दिनों से किसी युद्ध के मैदान से कम नहीं नजर आ रहा है. पीएम मोदी विजयादशमी के दिन यहां आने वाले हैं और लंकापति रावण के दहन के साथ-साथ जनता को भी संबोधित करने वाले हैं. लेकिन यहां हजारों कार्यकर्ताओं और मजदूरों की भीड़ दरअसल इस वजह से नहीं, बल्कि एक आपातकाल स्थिती की वजह से है.
दरअसल बुधवार को तेज आंधी और बारिश की वजह से हफ्ते भर से भी ज्यादा वक्त से तैयार किया जा रहा पीएम मोदी का मंच ढह गया. स्थानीय मीडिया की इन तस्वीरों से ये साफ है कि पूरा का पूरा स्टेज ताश के पत्ते की तरह ढह गया है. पीएमओ के अधिकारियों ने आपातकालीन बैठक बुलाई और फिर से काम शुरू किया गया है.
11 अक्टूबर को ऐशबाग के दुर्गा पूजा पंडाल में पीएम मोदी आने वाले हैं.
फिर से स्टेज बनाने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू
ये शायद पहली बार हुआ है कि कोई प्रधानमंत्री विजयादशमी का जश्न दिल्ली से बाहर मना रहे हैं. पीएम मोदी का दशहरे पर लखनऊ आना 2017 यूपी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भी काफी अहम माना जा रहा है.
ऐशबाग में दशहरे का इतिहास
ये माना जाता है कि 1576 में तुलसीदास के रामचरितमानस खत्म करने के बाद से ही ऐशबाग में दशहरा मनाया जाता रहा है. बाद में अवध के नवाबों ने इस प्रथा को जिंदा रखा. अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ से पांच बार सांसद रहे हैं. उन्होंने यहां दशहरा आयोजन को आर्थिक मदद तो दी लेकिन कभी यहां इवेंट में नहीं आए.
दशहरा और बीजेपी की अंदरूनी राजनीति
द टेलिग्राफ में छपी खबर के मुताबिक दशहरे के बहाने यूपी बीजेपी में सीएम पद के लिए खींचतान के संकेत मिल रहे हैं. दरअसल पीएम मोदी को इस आयोजन में आमंत्रित करने वाले बीजेपी नेता और लखनऊ के मेयर दिनेश शर्मा पीएम मोदी और अमित शाह के काफी करीबी माने जाते हैं. यूपी चुनाव के लिए अभी तक बीजेपी ने सीएम कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया है. ऐसे में पार्टी के कुछ नेता ये भी कह रहे हैं कि दिनेश शर्मा का पीएम मोदी को बुलाना उनसे अपनी नजदीकियों को जगजाहिर करना है.
दिनेश शर्मा इससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय उपाधक्ष भी रह चुके हैं, हरियाणा में सीएम के चुनाव के लिए विधायकों में तालमेल बिठाने का काम उन्हें ही सौंपा गया था. उन्हें गुजरात बीजेपी का भी जिम्मा सौंपा गया था.
बीजेपी के स्थानीय नेताओं का ये भी कहना है कि दिनेश शर्मा के न्योता भेजने के 48 घंटे के अंदर पीएम की स्वीकृति किसी ओर तो इशारा कर रही है. क्योंकि राजनाथ सिंह का खेमा उनके बेटे पंकज सिंह को बतौर युवा चेहरा सीएम कैंडिडेट के लिए पेश करना चाहता है तो वहीं योगी आदित्यनाथ के समर्थक भी लॉबी कर रहे हैं. एक तीसरा धड़ा भी है जो कलराज मिश्रा पर दांव लगाना चाहता है.
हालांकि पार्टी के आला नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी का ऐशबाग जाने को चुनावों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. लेकिन आजम खां समेत कई और पार्टियों के नेताओं ने इस पर चुटकी लेनी शुरू कर दी है. मजेदार बात ये है कि अपनी ही सरकार और पार्टी में अलग-थलग लग रहे यूपी के सीएम अखिलेश यादव को भी पीएम मोदी के साथ स्टेज साझा करने के लिए न्योता भेजा गया है.
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