15 अगस्त को लाल किले से पीएम नरेंद्र मोदी क्या ऐलान करेंगे. 2019 के चुनाव से पहले लाल किले से यह आखिरी भाषण होगा. क्या वह पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती का ऐलान करेंगे या फिर फ्री हेल्थकेयर की घोषणा करेंगे. क्या वह देश के हर शख्स के खाते में 15 लाख रुपये डालने का ऐलान कर देंगे. उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं.
हो सकता है कि वह स्वदेशी की बात करें और भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दें. या फिर सोशल मीडिया के लिए केवाईसी जैसी अजीब शर्त का भी जिक्र करें या फिर पुरुषों के लिए कोई मंत्रालय बनाने का ऐलान. ठीक-ठीक अंदाजा लगाना मुश्किल है इसलिए द क्विंट ने राजनीतिक मामलों के विशेषज्ञों, विश्लेषकों और कमेंटेटर से सुझाव मांगे. आइए देखते हैं उनकी क्या ख्वाहिश है.
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गोरक्षकों की हिंसा पर बात करें: करण थापर
गोरक्षा के नाम पर हिंसा और लव जिहाद के मुद्दे पर हंगामे पर चुप्पी से लगता है कि पीएम की इनसे सहमति है. इसलिए पीएम को इन मामलों पर खुल कर बोलना चाहिए ताकि इस बारे में उनके बारे में बन रही धारणा टूट सके.करण थापर, मशहूर जर्नलिस्ट, इंटरव्यूअर और ‘Devil’s Advocate: The Untold Story’ के लेखक
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पड़ोसी देशों से रिश्तों पर बोलें: सुहासिनी हैदर
पीएम ने अपने शपथग्रहण समारोह में सार्क देशों के नेताओं को बुलाकर पड़ोसियों से रिश्तों की एक नई शुरुआत की कोशिश की थी. पीएम को बताना चाहिए कि पड़ोसियों से भारत के कैसे रिश्ते हैं.सुहासिनी हैदर, डिप्टी रेजिडेंट एडिटर और डिप्लोमेटिक अफेयर्स एडिटर, द हिंदू
पीएम कश्मीर मुद्दे पर बोलें: आरती जेरथ
देश की दो दिक्कतें बढ़ती जा रही है. ये हैं कश्मीर का मुद्दा और लिंचिंग. गोरक्षा के नाम पर हिंसा बढ़ती जा रही है. मोदी इस पर बोल चुके हैं लेकिन स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से उनका इस मुद्दे पर बोलना अलग ही असर छोड़ेगा.दिल्ली में रहने वाली सीनियर पत्रकार और पॉलिटिकल कमेंटेटर
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ह्यूमन राइ्टस को मिल रही चुनौतियों पर बोलें पीएम: अरिजीत सेन
इस स्वतंत्रता दिवस पर नरेंद्र मोदी को यह बताना चाहिए कि देश में मानवाधिकारों की मिलने वाली चुनौती से निपटने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं. सरकार को संविधान में मौजूद मानवाधिकार संरक्षण से जुड़े प्रावधानों को लागू करने में पूरी मुस्तैदी दिखानी चाहिए.अरिजीत सेन, एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया
हर जान की कीमत बराबर होने की गारंटी दें: पूर्वा राय
पीएम को बोलना चाहिए- प्रधान सेवक होने के नाते मैं हर जाति, धर्म और विश्वास के लोगों की जान की हिफाजत की गारंटी लेता हूं. मैं इस बारे में बोलने से ज्यादा इसे सुनिश्चित करने में विश्वास रखता हूं.पूर्वा राय, लेखिका
जो भी यहां रहता है वो भारतीय है: विश्वदीप मोइत्रा
मोदी जी को यह बोलना चाहिए कि मित्रो, सिंधु घाटी सभ्यता के दिनों से जो भी इस धरती पर पहले आया उसने बाद में आए लोगों का स्वागत किया. भारत यात्रियों का जमावड़ा है जो यहां आए और भारतीय बन कर यहीं के हो गए.विश्वदीप मोइत्रा, आउटलुक के संस्थापक सदस्य और ‘The Printress of the Mughal Garden’ के लेखक
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