विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बीजेपी में ताजा-ताजा शामिल हुए नरेश अग्रवाल को उनकी अभद्र भाषा के लिए फटकार लगाई है. नरेश अग्रवाल की सोमवार को ही समाजवादी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं.
बीजेपी के मंच से ही उन्होंने 6 सालों में राज्यसभा में अपनी सहयोगी रही जया बच्चन पर अपशब्दों की बौछार कर दी. उन्होंने जया बच्चन पर निशाना साधते हुए कहा कि फिल्मों में डांस करने वाली एक्ट्रेस के लिए उनका राज्यसभा टिकट काटा गया.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नरेश अग्रवाल के इस बयान पर एतराज जताया. उन्होंने कहा कि नरेश अग्रवाल का बीजेपी में स्वागत है, लेकिन जया बच्चन पर उनके बयान से सहमत नहीं.
सुषमा स्वराज के हिंदी और अंग्रेजी में किए ट्ववीट को घंटे भर के अंदर 3000 से ज्यादा लोगों ने रिट्वीट कर दिया है.
नरेश अग्रवाल जब तक समाजवादी पार्टी में थे, तब उन्होंने अपने ऊल-जलूल बयानों से सुर्खियां बटोरीं. उन्होंने खास तौर पर बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाया. उन्होंने गोरक्षा और गाय को माता मानने पर बीजेपी का जमकर मजाक भी उड़ाया.
बीजेपी और उसके समर्थकों को चिढ़ाकर विवाद खड़ा करने वाले समाजवादी पार्टी नेता नरेश अग्रवाल ने दावा किया है कि वो राष्ट्रसेवा के लिए बीजेपी में शामिल हुए हैं.
पहले बीजेपी को कई बार बनाया निशाना
नरेश अग्रवाल ने बीजेपी और खासतौर पर सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कई बार निशाना बनाया. लेकिन उन्होंने बीजेपी में शामिल होते ही कहा कि पीएम मोदी से वो बहुत प्रभावित हैं, इसलिए वो बीजेपी में आए हैं क्योंकि राष्ट्रीय पार्टी में रहकर ही देश सेवा की जा सकती है.
यानी करीब 10 सालों से समाजवादी पार्टी में रहे नरेश अग्रवाल को लगता है कि क्षेत्रीय पार्टी में रहकर देश सेवा करना थोड़ा मुश्किल है. वो अपने पुत्र नितिन अग्रवाल को भी बीजेपी में ले जाने वाले हैं. नितिन अभी समाजवादी पार्टी के विधायक हैं.
नरेश अग्रवाल के बीजेपी में शामिल होने से हैरानी इसलिए है क्योंकि एक साल से उनके निशाने पर बीजेपी और पीएम मोदी ही थे. यही नहीं नरेश अग्रवाल बीच बीच में देवी देवताओं के बारे में विवादस्पद टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर चुके हैं.
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आइए नरेश अग्रवाल के कुछ विवादित बयानों पर नजर डालते हैं...
1. पीएम मोदी के खिलाफ अपशब्द
नरेश अग्रवाल लखनऊ में 11 फरवरी को अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे. पीटीआई के मुताबिक उन्होंने अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी के लिए जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और वैश्य समाज का हिस्सा मानने से इंकार कर दिया. इसके बाद वहां भारी हंगामा हुआ, सम्मेलन स्थगित करना पड़ा लेकिन नरेश अग्रवाल बाद में प्रेस कॉन्फ्रेस में भी अपना वही बयान दोहराया था.
2. हिंदू देवी-देवताओं पर विवादित बयान
जुलाई में राज्यसभा में चर्चा के दौरान नरेश अग्रवाल ने हिंदू-देवी देवताओं पर विवादित बयान दे दिया. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक बीजेपी ने इस बयान की कड़ी आलोचना की और इस वजह से राज्यसभा की कार्यवाही भी काफी देर तक बाधित रही. राज्यसभा की कार्यवाही से उनका बयान हटा दिया गया. अग्रवाल ने बाद में खेद जताते हुए अपना बयान वापस ले लिया था. लेकिन बीजेपी समर्थक कई दिनों तक उनके खिलाफ प्रदर्शन करते रहे.
3. सचिन और रेखा को राज्यसभा से हटाने की मांग
स्पोर्ट्स में शानदार योगदान के लिए राज्यसभा में नामांकित चैंपियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और फिल्म स्टार रेखा पर निशाना साधते हुए कहा अगर उन्हें संसद में रुचि नहीं है तो राज्यसभा से इस्तीफा दे दें.
करीब एक साल से नरेश अग्रवाल ने बीजेपी के खिलाफ तीखे हमले किए थे, लेकिन अब वो बीजेपी के अनुशासित कार्यकर्ता बन गए हैं.
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