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कोरोना मौतों का मजाक बना रहे नरसिंहानंद- ‘कमजोर मनोबल वाले मर रहे’

नरसिंहानंद सरस्वती ने ये भी कहा कि वो मास्क का इस्तेमाल नहीं करते.

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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के डासना मंदिर के पुजारी नरसिंहानंद सरस्वती ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. भारत में अब तक लाखों की जान ले चुकी कोरोना वायरस महामारी को नरसिंहानंद सरस्वती नहीं मानते. ऐसा उन्होंने खुद कहा है. नरसिंहानंद सरस्वती ने ये भी कहा कि वो मास्क का इस्तेमाल नहीं करते.

नरसिंहानंद सरस्वती का कहना है कि मास्क लोगों को बीमार बना रहा है और ये एक बड़ा षडयंत्र है. उन्होंने कहा कि कोरोना से उन लोगों की मृत्यु हो रही है, जिनका मनोबल कमजोर है. उन्होंने कोरोना को लेकर विज्ञान से परे और भी बातें कहीं.

“मास्क लगाकर आप लोगों को बीमार बना दिया गया है. ये एक बहुत बड़ा षडयंत्र है. मैं तो मास्क का प्रयोग ही नहीं करता हूं. कारण ये है कि मुझे अपनी इम्युनिटी पर विश्वास है और मैं कोरोना को भी नहीं मानता हूं. केवल वो लोग कोरोना से मर रहे हैं जिनका मनोबल कमजोर है और जिनके परिवार के लोग साथ नहीं हैं. मेरे सभी साथी मेरे साथ हैं. “
नरसिंहानंद सरस्वती

“कोरोना मेरा विषय नहीं”

नरसिंहानंद सरस्वती से जब कोरोना से और सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि ये उनका विषय नहीं है. उन्होंने कहा, “इस्लामिक जिहाद पर बात कीजिए, इसपर कई दिन तक बात की जा सकती है.”

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विवादों से पुराना नाता

नरसिंहानंद सरस्वती हाल ही में तब फिर चर्चा में आए थे जब डासना मंदिर में पानी पीने गए एक मुस्लिम बच्चे की पिटाई का मामला सामने आया था. इस मुद्दे को लेकर मंदिर के सरस्वती ने क्विंट से कहा था, “मेरे समर्थकों ने उस मुस्लिम बच्चे को पीटा, क्योंकि वे सभी मुस्लिमों को संदेह की नजर से देखते हैं. हम मंदिर परिसर के अंदर किसी भी मुस्लिम को प्रवेश नहीं देना चाहते हैं. चाहे वह कोई पत्रकार हो या सरकारी अधिकारी. यह मंदिर सनातन धर्म के भक्तों के लिए है.”

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