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विक्रम को जहां उतरना था वहां की फोटो मिली,NASA बोला-चांद से टकराया

चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की दूरी पर लैंडर ‘विक्रम’ का संपर्क ISRO से टूट गया था

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अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने कहा है कि चंद्रयान-2 के लैंडर 'विक्रम' ने चांद पर हार्ड लैंडिंग की थी. हालांकि NASA को अब तक 'विक्रम' की सटीक लोकेशन का पता नहीं चला है.

NASA ने चांद के उस हिस्से की हाई रिजॉल्यूशन तस्वीरें जारी की हैं, जहां 'विक्रम' को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करनी थी. ये तस्वीरें NASA के लूनर रीकॉनिसन्स ऑर्बिटर (LRO) से ली गई हैं. NASA ने इस बारे में बताया है, ''जब ये तस्वीरें ली गई थीं, तब अंधेरा छा रहा था और काफी परछाई आ रही थी. ऐसा भी संभव है कि लैंडर विक्रम इस परछाई में छिपा हुआ हो.''

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इसके साथ ही NASA ने बताया है कि अक्टूबर में पर्याप्त रोशनी के दौरान और भी तस्वीरें ली जाएंगी.

लैंडर ‘विक्रम’ 6 और 7 सितंबर की दरम्यानी रात चांद के दक्षिणी धुव्रीय क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग करने जा रहा था, मगर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की दूरी पर ‘विक्रम’ का संपर्क ISRO से टूट गया था.

इसके बाद चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के जरिए चांद पर ‘विक्रम’ की लोकेशन का पता चला था. इस बारे में ISRO चीफ के सिवन ने बताया था, ''चांद की सतह पर हमें लैंडर ‘विक्रम’ की लोकेशन का पता चल गया है, ऑर्बिटर ने इसकी थर्मल इमेज भी क्लिक कर ली है. हालांकि अभी तक इससे संपर्क नहीं हो सका है.''

लैंडर ‘विक्रम’ का नाम भारतीय अंतरिक्ष प्रोग्राम के फादर कहे जाने वाले विक्रम ए साराभाई के नाम पर रखा गया था. इस लैंडर को एक चंद्र दिन (पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर) काम करने के लिए डिजाइन किया गया था. इसके अंदर एक रोवर (प्रज्ञान) भी चांद पर भेजा गया था.

तय प्रक्रिया के हिसाब से ‘विक्रम’ की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद उसके अंदर से रोवर ‘प्रज्ञान’ को बाहर निकलना था और वैज्ञानिक प्रयोग शुरू करने थे.

‘सॉफ्ट लैंडिंग' में लैंडर को आराम से धीरे-धीरे सतह पर उतारना था, जिससे लैंडर, रोवर और उनके साथ लगे उपकरण सुरक्षित रहें.

बता दें कि भारत ने अपने हेवी लिफ्ट रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल GSLV MkIII-M1 की मदद से 22 जुलाई को चंद्रयान-2 लॉन्च किया था. स्पेसक्राफ्ट के तीन सेगमेंट थे- ऑर्बिटर (वजन 2,379 किलोग्राम, 8 पेलोड्स), लैंडर 'विक्रम' (1,471 किलोग्राम, 3 पेलोड्स) और एक रोवर 'प्रज्ञान' (27 किलोग्राम, 2 पेलोड्स). 2 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर लैंडर ‘विक्रम’ ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक अलग हो गया था. ऑर्बिटर का चांद के चक्कर लगाना जारी है.

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