बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से निकाले जाने के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती पर निशाना साधा. नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया. नसीमुद्दीन ने कहा कि पार्टी में 34-35 सालों की कुर्बानी का मुझे यह सिला दिया गया है.
नसीमुद्दीन ने मायावती और बीएसपी पर पलटवार करते हुए कहा कि जो आरोप मेरे ऊपर लगाये गए हैं, वो सभी आरोप मैं सबूत के साथ मायावती एंड कंपनी के खिलाफ साबित कर दूंगा.
मायावती ने बेटी के अंतिम संस्कार में नहीं जाने दिया
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि पार्टी और मायावती के लिए अनगिनत कुर्बानियां दी हैं. नसीमुद्दीन ने 1996 की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि मायावती बदायूं की बिल्सी सीट से चुनाव लड़ रही थीं और चुनाव के दौरान उनकी इकलौती बड़ी बेटी बीमार थी, लेकिन वे उसका इलाज कराने के लिए के लिए नहीं जा सके. नसीमुद्दीन ने कहा
मैंने मायावती से फोन पर अपने बेटी के इलाज कराने के लिए इजाजत मांगी, तो उन्होंने कहा कि चुनाव फंसा हुआ है, तुम ही मेरे इलेक्शन एजेंट और चुनाव प्रभारी हो. तुम्हारे जाने का मतलब मेरा चुनाव हारना है.नसीमुद्दीन सिद्दीकी
नसीमुद्दीन ने कहा कि इलाज के अाभाव में बेटी का बांदा में इंतकाल हो गया. उन्होंने मायावती पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी वजह से वो बेटी के अंतिम संस्कार में नहीं जा सके और बेटी को आखिरी विदाई भी नहीं दे सके.
नसीमुद्दीन ने बताया कि गुरुवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और तथ्यों के साथ मायावती के आरापों का जवाब देंगे.
पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप
बुधवार को नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके बेटे को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पार्टी से निकाल दिया था. नसीमुद्दीन बीएसपी के कद्दावर नेता और पार्टी में मुस्लिम चेहरा थे. बीएसपी प्रवक्ता सतीश मिश्रा ने कहा था कि नसीमुद्दीन चुनाव के दौरान पार्टी के नाम पर लोगों से पैसा लेते थे.
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