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दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर को मिली मंजूरी, जानें इसकी खूबियां

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल की स्पीड 160 प्रति घंटे की होगी. 

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एनसीआर ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. दिल्ली-एनसीआर को रैपिड रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट से जोड़ने के लिए एनसीआरटीसी का गठन किया गया था.

दिल्ली-मेरठ रैपिड कॉरिडोर प्रोजेक्ट की लागत करीब 22 हजार करोड़ रुपये आएगी. इस प्रोजेक्ट के तहत ट्रेन दिल्ली के सराय कालेखां से गाजियाबाद होते हुए मेरठ तक जाएगी.

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल की स्पीड 160 किमी प्रति घंटे की होगी और 2024 तक इस रेल प्रोजेक्ट को तैयार होने की समय सीमा तय की गई है. उस वक्त तक ट्रेन में 7.91 लाख यात्रियों के रोजाना सफर करने का अनुमान है.

रैपिड रेल में क्या-क्या खास होगा?

स्नैपशॉट
  • दिल्ली से मेरठ तक का 92 किमी का सफर होगा
  • कॉरिडोर पर कुल 17 स्टेशन बनेंगे
  • कॉरिडोर का 30.24 किमी हिस्सा अंडरग्राउंड होगा
  • कॉरिडोर का 60.35 किमी हिस्सा एलिवेटेड होगा
  • कॉरिडोर का 1.45 किमी हिस्सा जमीन पर होगा
  • कॉरिडोर में यमुना नदी के नीचे अंडरग्राउंड टनल बनेगा
  • ट्रेन में कुल 12 कोच का प्रस्ताव है
  • कोच में बसों की तरह दोनों तरफ दो-दो सीटें होंगी

राज्य सरकार और रेलवे से मंजूरी मिलना बाकी

एनसीआरटीसी की तरफ से इस रेल प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है, लेकिन अभी दोनों राज्य, यूपी और दिल्ली सरकार की मंजूरी मिलना बाकी है. एनसीआरटीसी में रेलवे की 22.5 फीसदी हिस्सेदारी है, इसलिए रेलवे द्वारा भी इस प्रोजेक्ट पर मुहर लगाना जरूरी है.

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