यूपी के बरेली में आला हजरत की दरगाह पर उर्स-ए-राजवी के आखिरी दिन करीब 70,000 मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने कई आतंकवादी संगठनों को गैर इस्लामिक बताते हुए उनके खिलाफ फतवा जारी किया.
जिन संगठनों के खिलाफ फतवे जारी किए गए, उनमें से आईएसआईएस, अलकायदा और तालिबान मुख्य थे. इसके अलावा आतंकवादी हमलों के विरोध में लिखे गए दस्तावेज पर करीब 15 लाख अनुयायियों ने दस्तखत किए.
फतवा जारी करने वाले मुस्लिम धार्मिक नेताओं में से एक, मुफ्ती मोहम्मद सलीम नूरी ने मीडिया से दरख्वास्त की कि वे आतंकवादी संगठनों को मुस्लिम संगठन कहना बंद कर दें.
इन धार्मिक नेताओं ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान का भी विरोध किया, जिसके मुताबिक वे अमरेका में मुसलमानों के आने पर रोक लगाना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि यह एक नफरत फैलाने वाला बयान है, खासतौर पर मुसलमानों के खिलाफ. दरगाह आला हजरत से पिछले एक साल से आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया जा रहा है.
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