जाने-माने जर्नलिस्ट, लेखक और कहानीकार नीलेश मिसरा का नाम आज हर किसी की जुबां पर है. उनकी कहानियां आम लोगों से कहीं न कहीं जुड़ी होती हैं. रेडियो पर किस्सागोई का उनका अंदाज तो एकदम ही जुदा होता है.
उन्हीं की मंडली की सदस्य रश्मि नांबियार की एक कहानी है तेरे मेरे सपने.
ये कहानी सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाली एक टीचर नेत्रा की है, जिसके पति को उसका सरकारी स्कूल में पढ़ाना बिलकुल पसंद नहीं. जनाब दिवाकर पेशे से डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर हैं, जो चाहते हैं कि उनकी पत्नी किसी प्राइवेट स्कूल में पढ़ाएं.
लेकिन नेत्रा हर बार यही बोलती है कि ये उसकी नौकरी नहीं, उसका पैशन है. वो गरीब बच्चों के लिए स्कूल बनाना चाहती है. लेकिन एक दिन कुछ ऐसा होता है कि उसे अपने गहने बेचने पड़ जाते हैं. इसके बाद पति-पत्नी के बीच तल्खियां और बढ़ जाती हैं.
पर ये सब क्यों हुआ और आखिर में क्या होता है, ये जानने के लिए सुनिए ये पूरी कहानी...
(ये स्टोरी 'गांव कनेक्शन' वेबसाइट से ली गई है)
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