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‘60 दिन में संभव है 50 करोड़ को टीका,अगर निजी क्षेत्र को दें मौका’

मौजूदा रफ्तार से जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन मिलती नहीं दिख रही

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भारत
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सरकार ने जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन देने का टारगेट रखा है. इसके लिए हमें रोज 20 लाख से ज्यादा लोगों को टीका देने की जरूरत है. लेकिन सरकरी मशीनरी रोज चार लाख से कम लोगों को टीका दे पा रही है. तो उपाय क्या है? दिग्गज उद्यमी से लेकर डॉक्टर तक कह रहे हैं कि प्राइवेट सेक्टर को टीकाकरण में लगाएं तो हम टारगेट से भी बेहतर कर सकते हैं. 60 दिन में 50 करोड़ टीके लगा सकते हैं.

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स्नैपशॉट
  • सरकार से टीकाकरण में प्राइवेट कंपनियों की शामिल करने की मांग
  • तेज और प्रभावी वैक्सीनेशन के लिए दिग्गज उद्योगपतियों ने रखी अपने ‘मन की बात’
  • 60 दिन में 50 करोड़ लोगों का हो सकता है वैक्सीनेशन
  • 400 रुपये में लग सकता है कोविड-19 का टीका

अजीम प्रेमजी ने क्या कहा?

बेंगलुरु चैम्बर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स ने रविवार को एक पोस्ट बजट डिस्कशन सत्र आयोजित किया था. जिसमें देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी शामिल हुई थीं. इस कार्यक्रम में विप्रो के फाउंडर चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने वित्त मंत्री के सामने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ चल रही लड़ाई में प्राइवेट सेक्टर को शामिल करके इसे ज्यादा प्रभावी बनाया जा सकता है.

प्रेमजी ने यह भी कहा :-

  • वैक्सीनेशन को ज्यादा प्रभावी बनाने के साथ-साथ टीके की लगात में भी कमी लायी जा सकती है.
  • यदि सरकार जल्द ही प्राइवेट सेक्टर को इसमें शामिल करे तो हम निश्चित तौर पर 60 दिन में 500 मिलियन यानी 50 करोड़ लोगों को टीका लगा सकते हैं.
  • हम सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से 300 रुपये प्रति डोज की दर से वैक्सीन प्राप्त कर सकते हैं और हॉस्पिटल्स तथा प्राइवेट नर्सिंग होम प्रशासन इसे 100 रुपये में लगा दें. इस प्रकार महज 400 रुपये प्रति डोज की दर से हम टीकाकरण कर सकते हैं. इससे हम बड़ी आबादी को कवर कर सकते हैं.
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ऑटो कंपनी के चेयरमैन आनंद महिन्द्रा का ट्वीट

16 फरवरी 2021 को दोपहर एक बजकर 45 मिनट पर महिन्द्रा ग्रुप के चेयमैन आनंद महिन्द्र अपने ट्विटर अकाउंट से एक ग्राफिक्स को ट्वीट करते हुए लिखते हैं कि हम वैक्सीनेशन के मामले में दुनिया में चौथे पायदान पर हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. हमारे पास व्यापक उत्पादन क्षमता है. हमें निजी क्षेत्र में मौजूद क्षमता को उपयोग करने की जरूरत है. न्यू कोरोना वेव्स के खिलाफ व्यापक टीकाकरण ही एक आशा है. कोरोना की नई लहरें एक गंभीर खतरा हैं. इस ट्वीट में डॉक्टर हर्षवर्धन को टैग किया गया था.

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टॉप बैंकर ने क्या कहा?

कोटक महिन्द्रा बैंक के एमडी और सीईओ उदय कोटक इस समय कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के प्रेसीडेंट भी हैं. ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन को संबोधित करते हुए जो उन्होंने कहा था उसमें कुछ बातें प्रमुख थीं. जैसे उन्होंने कहा कि हम जितना तेजी से महामारी के बाद वाले युग में पहुंचेंगे वह हमारे लिए उतना ही बेहतर होगा. दुनिया और भारत ने वैक्सीनेशन करने का चैलेंज लिया है. मुझे उम्मीद है कि हम अपने लोगों का जल्द से जल्द टीकाकरण करा सकते हैं और एक नई यात्रा शुरू कर सकते हैं.

CII ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह निजी क्षेत्र को टीकाकरण कार्यक्रम में मदद करने की अनुमति दे ताकि इंडस्ट्री 100 मिलियन यानी 10 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने में मदद सके.
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CII भी प्राइवेट सेक्टर को शामिल करने के पक्ष में

CII ने सुझाव दिया है कि इंडस्ट्रीज को इस बड़े टीकाकरण अभियान में पूर्ण रूप से शामिल किया जाना चाहिए ताकि जरूरतमंदों तक समान रूप से टीके की पहुंच सुनिश्चित की जा सके. टाटा स्टील के एमडी और सीआईआई डेलीगेट के प्रेसीडेंट (वैक्सीन टास्क फोर्स) टी वी नरेन्द्रन ने कहा है कि इंडस्ट्री उचित नियंत्रण और संतुलन के साथ सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम में पूरक हो सकती है और योगदान कर सकती हैं.

  • CII के पूर्व प्रेसीडेंट डॉक्टर नौशाद फोर्ब्स ने कहा है कि 300 मिलियन लोगों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य कोई छोटी बात नहीं है, हमें इसे तेजी से पूरा करना पड़ेगा. यह तब संभव है जब इस प्रक्रिया में प्राइवेट एक्टिव हो.
  • CII ने बार-बार सरकार से आग्रह किया है कि वे निजी संस्थाओं को टीके खरीदने की अनुमति दे ताकि वे सरकार के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, अपने कर्मचारियों तथा स्टाफ के परिवारजनों और आसपास के समुदायों के सदस्यों में से प्राथमिकता वाले समूहों का टीकाकरण करवा सकें.
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सर्जिकल स्ट्राइक करने की जरूरत : देवी शेट्टी

कार्डियक सर्जन और नारायण हेल्थ के फाउंडर और चेयरमैन देवी शेट्टी ने हाल ही में अपने लेख में कोरोना वायरस को मात देने का जिक्र करते हुए लिखा है कि पश्चिमी हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर साल के अंत तक हजारों कोविड रोगियों का प्रबंधन करने में सक्षम है, लेकिन हम नहीं कर सकते हैं. इसलिए हमें इस अदृश्य वायरस के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करने की जरूरत है. शेट्टी ने अपने लेख में और क्या कहा?

  • सरकार को कमजोर आबादी के लिए मुफ्त टीकाकरण जारी रखना चाहिए.
  • वैक्सीन निर्माताओं को प्रति व्यक्ति 300 रुपये में वैक्सीन बेचनी चाहिए. वहीं अस्पतालों को वैक्सीन लगाने पर सिर्फ 100 रुपये चार्ज करना चाहिए.
  • 400 रुपये में यह दुनिया का सबसे सस्ता टीकाकरण कार्यक्रम होगा.
  • हमारे टीका निर्माताओं के पास कम समय में ज्यादा टीका बनाने की काबिलियत है. उनके पास पहले से ही भंडार है.
  • कई छोटे और बड़े इंप्लॉयर यानी नियोक्ता अपने कर्मचारियों और उनके परिजनों का टीकाकरण करवाने को तैयार हैं.
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अमेरिका में मदद के लिए आगे आ रहे हैं कॉरपोरेट दिग्गज

अमेरिका में कोविड के खिलाफ चल चहे संघर्ष में दिग्गज कंपनियां अपना सहयोग प्रदान कर रही हैं. वहां के कमजोर को-ऑर्डिनेशन और सप्लाई प्रबंधन को मजबूत किया जा रहा है.

  • CVS हेल्थ केयर, राइट एड, वालग्रीन्स और क्रोगर जैसी बड़ी कंपनियां पहले से ही वैक्सीन के वितरण में सहयोग प्रदान कर रही हैं.
  • वॉलमार्ट सात राज्यों में अपने 5000 स्टोर फार्मेसीज को वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन को ऑफर कर रहा है.
  • दुनिया के सबसे रिटेलर बड़े के रूप अपनी पहचान बना चुके वॉलमार्ट का 13 मिलियन खुराक प्रतिमाह डिलीवरी करने का अनुमान है.
  • माइक्रोसॉफ्ट के तकनीकी सहयोग से कॉस्टकोस फार्मेसीज और स्टारबक्स जैसी संस्था एक दिन में 45 हजार वैक्सीनेशनक के लक्ष्य तक पहुंचने की उम्मीद लगाए हैं.
  • अमेजन अपने कॉर्पोरेट हेडक्वाटर में पॉप अप क्लीनिक उपलब्ध करा रहा है.

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