एनआईए के वरिष्ठ सूत्रों के हवाले से द क्विंट को पता चला है कि जांचकर्ताओं ने पठानकोट एयरफोर्स बेस में घुसकर हमला करने के लिए आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए रास्ते का पता लगाने के लिए क्राइम सीन को एक बार फिर तैयार किया है. हालांकि पंजाब-पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है पर अभी तक एनआईए यह नहीं कर पाई है कि सीमा पार कर भारत में घुसने से लेकर एयरबेस पहुंचने तक आतंकवादियों ने कौन सा रास्ता लिया था.
इस रास्ते की पहचान करने के लिए एजेंसी मोबाइल कॉल डीटेल रिकॉर्ड्स (सीडीआर) की मदद ले रही है. आतंकवादियों के अपने आकाओं से बातचीत करने के दौरान के इस सीडीआर की मदद से एनआईए को उनकी स्थिति (लोकेशन) और कॉल करन के समय की जानकारी हासिल हो चुकी है.
ये सभी कॉल सलविंदर सिंह, उनके दो साथियों और इकागर सिंह के मोबाइल से की गई थीं. पर ड्राइवर इकागर सिंह की इनोवा गाड़ी में बैठने से पहले का रास्ता अभी भी एनआईए के लिए रहस्य बना हुआ है. गौरतलब है कि इकागर का शव कोलियन गांव के नजदीक पाया गया था.
एनआईए सूत्रहम अब भी यकीन के साथ यह नहीं कह सकते के आतंकियों ने 31 दिसंबर को घुसपैठ की या उस से पहले. हमारे पास 31 दिसंबर और उसके बाद के ही कॉल रिकॉर्ड हैं. इसके अलावा जिन चार आतंकवादियों की लाश हमने बरामद कीं, उनमें से किसी को भी सलविंदर सिंह और उनके साथियों ने नहीं देखा था. उनके बयान से भी हमें घटनाक्रम को समझने में मदद मिली है.
आतंकवादियों के रास्ते की पहचान करना जांचकर्ताओं की प्राथमिकताओं में से एक है ताकि आगे इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके.
एजेंसी ने कई बीएसएफ के जवानों से भी पूछताछ की है और उसने आतंकवादियों की मदद करने में बीएसएफ जवानों की भूमिका की आशंका से इनकार नहीं किया है.
एनआईए को बामियाल गांव में मिले दो जोड़ी पाकिस्तानी जूतों के निशानों की फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट का भी इंतजार है. इन निशानों से भी रास्ते की पहेली को सुलझाने में मदद मिल सकती है.
गुरुवार की सुबह गुरदासपुर में भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ के जवानों ने एक घुसपैठिए को मार गिराया था. यह घटना भी बामियाल गांव के पास की है. इस दौरान दो अन्य घुसपैठिए भाग जाने में कामयाब रहे.
जल्द ही सलविंदर की भूमिका की स्थिति साफ करेगी एनआईए
पठानकोट हमले के संबंध में एनआईए ने गुरदासपुर एसपी से दो दिन तक लाइ डिटेक्टर पर पूछताछ की. बुधवार की शाम को यह पूछताछ खत्म हुई. गुरुवार को इस पूछताछ से मिली जानकारी के आधार पर एनआईए ने गुरदासपुर और अमृतसर में 6 जगहों पर छापेमारी की. सूत्रों के अनुसार इन जगहों में सलविंदर सिंह, उनके रसोइए मदन गोपाल और उनके जौहरी मित्र राजेश वर्मा का घर भी शामिल है.
एनआईए ने यह बताने से इनकार कर दिया कि छापों के दौरान उसे किन सुरागों की तलाश थी. जांचकर्ताओं ने बताया कि इस मामले में सलविंदर को गवाह बनाया जाएगा या आरोपी, यह अगले एक हफ्ते में साफ हो जाएगा.
एनआईए सूत्रहमने लाइ डिटेक्टर टेस्ट के दौरान सिंह के बयानों की अनियमितता को आधार बनाते हुए छापे मारे हैं.
एनआईए अगले एक सप्ताह के भीतर सिंह के रसोइए मदन गोपाल, उनके जौहरी मित्र राजेश वर्मा और मजार की देखरेख करने वाले व्यक्ति का भी लाइ डिटेक्टर टेस्ट किया जाएगा. जांचकर्ताओं को उम्मीद है कि इसके जरिए उन्हें खोई हुई कड़ियां जोड़ने में मदद मिलेगी.
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