सुप्रीमकोर्ट शुक्रवार को 2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले में केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगा. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र की दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की याचिका खारिज कर दी थी,जिसके बाद केंद्र ने शीर्ष न्यायालय में अपील की.
केंद्र की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने न्यायमूर्ति एन वी रमना, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ के सामने याचिका को तत्काल सुनवाई करने के लिए अनुरोध किया.
नटराज ने कोर्ट को बताया कि जेल प्रशासन मामले में दोषियों को फांसी देने में असमर्थ है, जबकि उनकी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी गई है, और सुधारात्मक याचिकाएं और उनमें से तीन की दया याचिकाएं भी खारिज हो चुकी हैं.
बता दें दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि निर्भया मामले में चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने चारों दोषियों को सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है. हाई कोर्ट का यह फैसला केंद्र की याचिका खारिज करते हुए आया है.
बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने 31 जनवरी को निर्भया मामले के चार दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी. इन दोषियों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जानी थी. मगर दूसरी बार फांसी के वॉरंट की तामील टाल गई. पहली बार चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने का वॉरंट जारी किया गया था. इस पर 17 जनवरी को स्थगित कर दिया गया था. उसी दिन फिर उन्हें एक फरवरी को फांसी देने के लिए दूसरा वारंट किया गया था, जिस पर रोक लगा दी गई.
16 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा (निर्भया) के साथ गैंगरेप और बर्बरता की गई थी. सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.
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