गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से निर्भया केस में दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की है. निर्भया रेप कांड में दोषी की दया याचिका को गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेज दिया है. अगर राष्ट्रपति दया याचिका खारिज कर देंगे, तो दोषियों को फांसी पर लटकाने का रास्ता साफ हो जाएगा.
निर्भया कांड के एक दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के पास अपनी दया याचिका भेजने का फैसला किया था. जिसके बाद अब राष्ट्रपति तय करेंगे कि उसे दया दी जाएगी या फिर फांसी पर लटकाया जाएगा. इससे पहले तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से कहा गया था कि अगर दोषी राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर नहीं करते हैं तो उनकी फांसी को लेकर बाकी जरूरी कार्यवाही पूरी की जाएगी.
इस बीच देशभर में महिलाओं के साथ हो रही रेप और हत्या की घटनाओं पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बड़ा बयान दिया है. राष्ट्रपति ने कहा है कि पॉक्सो एक्ट के तहत आने वाले सभी अपराधों में दया याचिका का प्रावधान ही नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा काफी गंभीर मामला है. संसद को दया याचिका की समीक्षा करनी चाहिए.
इंसाफ के इंतजार में निर्भया की मां
निर्भया की मां पिछले एक साल से दोषियों को फांसी दिलाने की मांग को लेकर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के चक्कर काट रहीं हैं. दरअसल, निर्भया कांड के चार दोषियों में से एक ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की है और अन्य तीन दोषियों ने अब तक राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर नहीं की है, ऐसे में कोर्ट ने कहा है कि जब तक दया याचिका पर कोई फैसला नहीं हो जाता, तब तक दोषियों के खिलाफ डेथ वॉरंट जारी नहीं किया जा सकता है.
क्या है निर्भया केस?
दिसंबर 2012 में राष्ट्रीय राजधानी में चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था, और विरोध करने पर उसे बुरी तरह मारा-पीटा गया था. गंभीर अंदरूनी जख्मों के कारण उसे बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था, जहां कुछ दिनों बाद उसने दम तोड़ दिया था.
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