बिहार सरकार ने एक बार फिर शहादत का अपमान किया है. सुकमा नक्सली हमले में बिहार के छह जवान शहीद हो गए थे. पहले तो बिहार सरकार का कोई भी मंत्री इन जवानों को श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचा और अब शहीद के परिवार को बिहार सरकार की ओर से दी गई सरकारी मदद का चेक ही बाउंस हो गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुकमा में हुए नक्सली हमले में शहीद जवान के परिवार को सरकारी मदद के तौर पर पांच लाख का चेक दिया गया. लेकिन जब शहीद का परिवार चेक को कैश कराने बैंक पहुंचा तो चेक ही बाउंस हो गया. अब शहीद का परिवार फिर से सरकरी दफ्तर के चक्कर लगा रहा है.
सुकमा नक्सली हमले में शहीद हुए थे बिहार के रंजीत कुमार
बिहार के शेखपुरा के रहने वाले रंजीत कुमार सुकमा में हुए नक्सली हमले में शहीद हो गए. शहीद जवान के अंतिम संस्कार में या फिर उसके बाद उनके परिवार से मिलने बिहार सरकार का कोई मंत्री नहीं पहुंचा. हालांकि, शहीद जवान रंजीत कुमार के परिवार को बिहार सरकार ने पांच लाख रुपये की सहायता राशि का चेक भिजवाया. लेकिन जब शहीद का परिवार चेक को कैश कराने बैंक पहुंचा तो चेक बाउंस हो गया.
पटना से लेकर नोएडा तक घूमता रहा चेक
सुकमा हमले को काफी वक्त बीत गया है. लेकिन परिवार अब भी चेक को कैश कराने के लिए भटक रहा है. रंजीत कुमार की पत्नी सरिता देवी ने बिहार सरकार से मिला पांच लाख रुपये का चेक एचडीएफसी बैंक की शेखपुरा ब्रांच में जमा किया था. लेकिन चेक क्लियर होने की बजाय जमुई, पटना और नोएडा के बैंकों में घूमता रहा.
शेखपुरा के जिलाधिकारी दिनेश कुमार ने बताया है कि उनके द्वारा दिए गए साइन में कुछ गलती हो गई थी, जिसको अब सुधारने की कोशिश की जा रही है.
बीती 24 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने सीआरपीएफ की एक टीम पर हमला कर दिया था. इस हमले में 25 जवान शहीद हो गए थे. करीब 300 नक्सलवादियों ने मिलकर इस हमले को अंजाम दिया था.
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