भारत में तीसरे NMFT कॉन्फ्रेंस का आयोजन होने जा रहा है. इस सम्मेलन में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) सहित दुनियाभर के राजनेता और प्रतिनिधि शामिल होंगे. हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक 14 देशों ने इस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने पर असमर्थता जताई है. इसके पीछे फुटबॉल वर्ल्ड कप, चुनाव सहित अन्य कारणों का हवाला दिया गया है.
NMFT कॉन्फ्रेंस क्या है?
NMFT कॉन्फ्रेंस का फुल फॉर्म 'नो मनी फॉर टेरर' है. इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एक रणनीति तैयार करने के लिए होती है. अंतरराष्ट्रीय मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में टेरर फंडिंग से निपटने, वैध और अवैध फंडिंग रूट्स को लेकर चर्चा होगी.
NMFT कॉन्फ्रेंस का कब और कहां होगा आयोजन?
दिल्ली में 18-19 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से NMFT कॉन्फ्रेंस का आयोजन होगा. इसमें दुनिया के कई देशों के नेता और प्रतिनिधि भाग लेंगे.
बता दें कि 2018 में पहला NMFT सम्मेलन पेरिस में हुआ था और दूसरा 2019 में मेलबर्न में आयोजित किया गया था. 2020 में भारत में तीसरे सम्मेलन का आयोजन होना था लेकिन कोरोना महामारी की वजह से टल गया था.
NMFT कॉन्फ्रेंस में कितने देश होंगे शामिल?
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने इस कॉन्फ्रेंस के लिए 87 देशों और 26 बहुपक्षीय संगठनों (Multilateral Organisations) को न्योता दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 50 देशों ने सम्मेलन में शामिल होने पर सहमति जताई है. वहीं कुछ देशों ने मंत्री के साथ एक प्रतिनिधिमंडल भेजने की भी बात कही है.
NMFT कॉन्फ्रेंस में कितने देश शामिल नहीं होंगे?
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 14 देशों ने NMFT कॉन्फ्रेंस में शामिल होने पर असमर्थता जताई है. इन देशों के अपने-अपने कारण हैं.
NMFT कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं होने का कारण?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कतर ने 20 नवंबर से शुरू होने वाले फीफा विश्व कप का हवाला देते हुए भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की है. वहीं मलेशिया ने अक्टूबर में अपनी संसद भंग होने के बाद आम चुनावों का हवाला दिया है. इराक ने बताया है कि वह इस मीटिंग में भाग नहीं लेगा क्योंकि उनके यहां अभी नई नियुक्तियां चल रही हैं.
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