विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि बालाकोट में इंडियन एयरफोर्स की एयर स्ट्राइक में किसी भी पाकिस्तानी सैनिक या नागरिक की मौत नहीं हुई है. ये एयर स्ट्राइक 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की थी.
अहमदाबाद में महिला कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि भारतीय सेना को ऑपरेशन के लिए फ्री हैंड दिया गया था. लेकिन ये भी साफ कर दिया गया था कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक नहीं मारा जाना चाहिए. पाकिस्तानी आर्मी पर एक खरोंच तक नहीं लगना चाहिए.
विदेश मंत्री ने कहा,
हमारे सैन्यबलों से ये कहा गया था कि सिर्फ जैश-ए-मोहम्मद को निशाना बनाना है, जो पुलवामा हमले के पीछे थे. सैन्यबलों ने ऐसा ही किया, उनके कैंप तबाह कर दिए और वापस आ गए.
जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी कैंप थे निशाने पर: सुषमा
विदेश मंत्री ने बताया कि सेना को केवल जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी कैंप को निशाना बनाने के लिए कहा गया था. इसी आतंकी संगठन ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली थी. हमारी सेना ने ऐसा ही किया.
सुषमा स्वराज ने ये भी कहा कि एयर स्ट्राइक आत्मसुरक्षा के लिए की गई थी. जब हमने एयर स्ट्राइक की, हमने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बताया कि ये कदम सिर्फ आत्म-सुरक्षा के लिए लिया गया है. उन्होंने कहा कि पूरा अंतरराष्ट्रीय समुदाय एयर स्ट्राइक पर भारत का समर्थन कर रहा था.
यूपीए पाकिस्तान को अलग-थलग करने में विफल
2008 के मुंबई आतंकी हमले का जिक्र करते हुए स्वराज ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस की अगुआई वाली यूपीए सरकार दुनिया में पाकिस्तान को अलग-थलग में विफल रही थी. हमले में 14 देशों के 40 विदेशी नागरिकों के मारे जाने के बावजूद तत्कालीन सरकार ठोस कदम नहीं उठा सकी थी. सुषमा स्वराज ने कहा कि ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉरपोरेशन में पाकिस्तान के विरोध करने के बावजूद भारत को आमंत्रित किया गया.
स्वराज ने पीएम मोदी के बारे में कहा कि वे वैश्विक मंच पर एजेंडा सेट करने वाले लीडर के रूप में उभरे हैं . उन्होंने दुनिया के लिए एजेंडा तय किया है. आतंकवाद को लेकर भारत का ऐसा स्पष्ट रुख इससे पहले नहीं था.
बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में गठबंधन की सरकार होने की वजह से वह जो चाहते थे उसे पूरा नहीं कर पाए थे.अगर मोदी भी गठबंधन सरकार चला रहे होते तो दबाव में होते.’
स्वराज ने कहा, यह अंतर उन्हें मालूम है, क्योंकि वे दोनों सरकारों में मंत्री रही हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच साल में बहुत कुछ किया है. वह ऐसा इसलिए कर पाएं हैं क्योंकि वह पूर्ण बहुमत की सरकार चला रहे थे.
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