देश में बढ़ रही है असहिष्णुता
देश भर में कथित रूप से बढ़ती असहिष्णुता, सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लेखकों और इतिहासकारों ने रविवार को एक प्रतिरोध मीटिंग की और सरकार के खिलाफ अपने विरोध प्रदर्शनों के पीछे कांग्रेस या वामपंथियों का हाथ होने से इंकार किया.
बुद्धिजीवियों के इस समूह ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल अपने समर्थकों की भीड़ को काबू नहीं कर पा रही है.
बौद्धिक आधार पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में ज्यादा अंतर नहीं.
- इरफान हबीब, इतिहासकार
इन ट्वीट्स में देखिए इरफान हबीब ने और क्या कहा.
सोशल मीडिया पर हो रही है भरसक निंदा
जाने-माने इतिहासकार इरफान हबीब के इस विवादास्पद बयान की सोशल मीडिया पर भरसक निंदा की जा रही है.
प्रसिद्ध पत्रकार शेखर गुप्ता ने अपने ट्वीट में कहा कि बेशक संघ की विचारधारा पर सवाल उठाए जा सकते हैं लेकिन संघ और इस्लामिक स्टेट की तुलना काफी हास्यास्पद है.
वरिष्ठ पत्रकार तवलीन सिंह लिखती हैं कि अगर इरफान हबीब को इस्लामिक स्टेट और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में किसी प्रकार का अंतर नजर नहीं आता तो अब वो वक्त आ गया है जब उन्हें इतिहास लिखना छोड़ देना चाहिए.
पाकिस्तान और अफगानिस्तान से जुड़े मामलों के विशेषज्ञ सुशांत सरीन कहते हैं कि अगर संघ और इस्लामिक स्टेट में ज्यादा अंतर नहीं होता तो आज इरफान हबीब ये बात कहने के लिए जीवित भी न होते.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)