दिल्ली में ऐप आधारित टैक्सी ना मिल पाने के कारण लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. 10 फरवरी से ओला और उबर के करीब 1.5 लाख ड्राइवर अनिश्चित समय के लिए हड़ताल पर हैं. कई ड्राइवर जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं. इस हड़ताल की शुरुआत दिल्ली बेस्ड सर्वोदय ड्राइवर असोसिएशन के टैक्सी ड्राइवरों ने की है. उन्होंने घटती कमाई समेत कई मुद्दों के विरोध में यह हड़ताल शुरू की है.
विरोध कर रहे ड्राइवरों का कहना है कि कंपनी ने उन्हें 1 लाख रुपये महीने की कमाई का लालच दिया था, इसके बाद उन्होंने किश्तों पर नई गाड़ी खरीदी थी, लेकिन अब गाड़ी की इन्स्टॉलमेंट देने के साथ-साथ परिवार का पेट पालना भी मुश्किल हो रहा है.
टैक्सी ड्राइवरों की मांग
- अभी ड्राइवरों को 6 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से पैसा दिया जा रहा है. उनकी मांग है कि सरकार की तरफ से तय 21 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से उन्हें भुगतान किया जाए.
- कंपनी गाड़ियों की संख्या में लगातार बढ़ा रही है, जिससे ड्राइवरों की कमाई कम हो रही है. इस पर रोक लगनी चाहिए.
- दिन में ज्यादातर शेयरिंग ड्राइव मिलती हैं, जिससे कमाई कम हो जाती है. शेयरिंग ड्राइव को बंद किया जाना चाहिए.
- कंपनियों द्वारा ग्राहकों को उतना ही डिस्काउंट दिया जाना चाहिए, जितना कंपनी झेल सके और ड्राइवरों को नुकसान न हो.
- काम के बीच में कुछ समय आराम के लिए वक्त भी दिया जाना चाहिए.
- गाड़ी ड्राइव करते समय हादसा होने का बीमा होना चाहिए.
दिल्ली परिवहन मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि वह स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी बोर्ड को इस मामले पर जल्द कार्रवाई करने के निर्देश देंगे. जैन ने टैक्सी ड्राइवरों की मांगों को पूरा किया जाने का आश्वासन दिया है. दिल्ली में ओला, ऊबर के ड्राइवरों के हड़ताल पर जाने के बाद से मेट्रो और डीटीसी बसों में खासी भीड़ दिखने लगी है. वहीं एनसीआर के लोगों को भी इससे परेशानी हो रही है.
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