पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले को एक महीना पूरा हो चुका है. मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दल गुरुवार को ‘ब्लैक डे’ के तौर पर मना रहे हैं. कांग्रेस के नेतृत्व में दूसरे विपक्षी दलों ने संसद में गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन किया.
विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार के इस फैसले से देश की जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
कांग्रेस का आरोप है कि नोटबंदी के बाद से लेकर अब तक करीब 84 लोगों की बैंक और एटीएम के बाहर लगी लाइनों में खड़े होने से मौत हो चुकी है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी विरोध प्रदर्शन के दौरान पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा.
गरीब, किसान और दैनिक मजदूर परेशान हैं. हम चर्चा चाहते हैं. हम वोटिंग चाहते हैं लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं है. नोटबंदी का फैसला बिना तैयारी के लिया गया बेवकूफी भरा फैसला है. पीएम मोदी चर्चा से भाग रहे हैं, अगर वह चर्चा के लिए सदन में आ गए तो हम उन्हें भागने नहीं देंगे.राहुल गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष
काली पट्टी बांधकर जताया विरोध
नोटबंदी के फैसले पर ज्यादातर विपक्षी दल सरकार के खिलाफ एकजुट हैं. शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में काम नहीं हो पा रहा है. विपक्ष की मांग है कि सरकार नोटबंदी के फैसले को वापस ले और पीएम मोदी खुद सदन में उपस्थित होकर विपक्ष के सवालों के जवाब दें.
लिहाजा, गुरुवार को भी संसद में हंगामे के पूरे आसार हैं. विपक्षी दलों के सांसदों ने सदन की शुरुआत से पहले संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा पर विरोध प्रदर्शन किया. विपक्षी दलों के सांसदों ने काली पट्टी बांधकर सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध जताया.
पीएम मोदी ने 8 नवंबर को किया था ऐलान
पीएम मोदी ने बीती 8 नवंबर को 500 और 1,000 के नोटों को अमान्य करने का ऐलान किया था. इसके बाद से ही संसद में नोटबंदी को लेकर दोनों सदनों में गतिरोध जारी है. बुधवार को 'पीएम माफी मांगो' जैसी नारेबाजी के बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी सदन में कामकाज न चलने पर नाराजगी जताई थी. आडवाणी ने दो टूक टिप्पणी करते हुए कहा था कि न तो सरकार, न विपक्षी दल और न ही लोकसभा स्पीकर सदन चलाना चाहते हैं.
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