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पश्चिम बंगाल से तीन लोगों ने पद्म पुरस्कार लेने से किया इनकार

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्जी ने बंगाल से सबसे पहले पुरस्कार लौटाया

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केन्द्र सरकार के द्वारा पद्म पुरस्कार का ऐलान करने के बाद पश्चिम बंगाल (West Bengal) से शामिल किए गए सभी तीनों लोगों ने पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया गया है. पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्जी, बीजेपी और नरेन्द्र मोदी के कट्टर आलोचक हैं, उन्होंने सबसे पहले पुरस्कार से इनकार किया. उसके बाद राज्य के दो मशहूर कलाकारों, तबला वादक पंडित अनिद्य चटर्जी और गायक संध्या मुखोपाध्याय ने भी पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया.

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आठ दशकों तक गायकी करके अपना करियर बनाने वाली 90 वर्षीय संध्या मुखोपाध्याय ने चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री लेने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह उनके कद के किसी व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि एक जूनियर कलाकार को मिलना चाहिए.

मुखर्जी की बेटी सौमी सेनगुप्ता ने कहा कि जब दिल्ली से पुरस्कार के लिए फोन आया, तो उनकी मां ने कहा कि उन्हें उनकी उम्र में पुरस्कार की पेशकश पर अपमानित महसूस हुआ है.

सेनगुप्ता ने कहा कि पद्मश्री एक जूनियर कलाकार के लिए अधिक योग्य है, न कि 'गीताश्री' संध्या मुखोपाध्याय के लिए.

बंगाल के बेहतरीन गायकों में से एक, संध्या मुखोपाध्याय को 2011 में पश्चिम बंगाल का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार "बंग विभूषण" दिया गया. इससे पहले उन्हें 1970 में सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था.

मशहूर तबला वादक पंडित अनिंद्य चटर्जी, जो पंडित रविशंकर, उस्ताद अमजद अली खान और उस्ताद अली अकबर खान जैसे उस्तादों के साथ काम कर चुके हैं. उन्होंने भी बताया कि जब उन्हें दिल्ली से पुरस्कार के लिए फोन आया तो उन्होंने सीधे मना कर दिया.

बुद्धदेव भट्टाचार्जी तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म भूषण से सम्मानित किया गया जाना था. उन्होंने तुरंत एक बयान जारी करते हुए इसे लेने से इनकार कर दिया.

उन्होंने अपने बयान में कहा कि...

मैं पद्मभूषण के बारे में कुछ नहीं जानता, किसी ने मुझे इसके बारे में कुछ नहीं बताया. अगर वास्तव में उन्होंने मुझे पद्म भूषण दिया है, तो मैं इसे अस्वीकार करता हूं.
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बता दें कि प्रोटोकॉल के तहत, पुरस्कार विजेताओं को पहले से पुरस्कार के बारे में बताया जाता है और लिस्ट का ऐलान उनके द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद ही किया जाता है.

बुद्धदेव भट्टाचार्जी के मामले में, गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया कि कॉल की गई थी और उनकी पत्नी से बात हुई थी, उन्होंने पुरस्कार के लिए गृहसचिव को धन्यवाद भी कहा था.

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