नोटबंदी से आम लोग तो परेशान हैं ही, अब खबर है कि पाकिस्तानी अधिकारी भी नोटबंदी के चक्कर में अपनी सैलरी नहीं निकाल पा रहे हैं. उन्हें यूएस डॉलर में सैलरी दी जाती है.
पाकिस्तान का कहना है कि अधिकारियों को सैलरी न निकालने देना विएना प्रोटोकॉल के खिलाफ है. उन्होंने धमकी दी है कि अगर मामले में जल्द कोई समाधान नहीं किया गया, तो वो पाकिस्तान में रहने वाले भारतीय अधिकारियों के साथ भी वैसा ही व्यवहार करेंगे.
आरबीएल नाम के एक प्राइवेट बैंक में पाकिस्तानी उच्चायुक्त के अधिकारियों के खाते हैं. एक सीनियर पाक अधिकारी के अनुसार,
हमें अपनी सैलरी नहीं निकालने दी जा रही है. यह डिमोनेटाइजेशन का मसला नहीं है. ऐसा लगता है भारत सरकार के निर्देश पर ऐसा हो रहा है.सीनियर अधिकारी, पाक उच्चायोग
भारत सरकार ने नहीं दिया कोई जवाब
भारत सरकार की ओर से अभी तक मामले पर कोई अधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है. लेकिन अधिकारियों का मानना है कि यह मामला जमाकर्ता और बैंक के बीच का है, इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है.
डिमोनेटाइजेशन के चलते डॉलर और दूसरी विदेशी मुद्राओं की बड़े पैमाने पर कमी बनी हुई है. पाक अधिकारियों को अमेरिकी डॉलर में ही सैलेरी मिलती है. सैलरी निकालने पर बैंक उनसे कारण पूछता है.
-इनपुट पीटीआई से
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