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पाक की गोलीबारी से बेहाल इस गांव के लोग सेहरी भूले,बस जान की फिक्र

पाकिस्तान की भारी गोलाबारी के चलते जोराफार्म गांव में लोगों के घर तहस-नहस होने के बाद डरा देने वाला नजारा है

Published
भारत
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पाकिस्तान की भारी गोलाबारी के चलते जोराफार्म गांव में लोगों के घर तहस-नहस होने के बाद डरा देने वाला नजारा है. वहां हवा में हर ओर फैली बारूद की गंध और जलते मकानों से उठता धुआं लोगों पर टूटे दुखों के पहाड़ की कहानी कहता नजर आता है. पवित्र रमजान के महीने में लोग सुबह होने से पहले सेहरी करने वाले थे कि उससे पहले ही पाकिस्तान ने भीषण गोलाबारी शुरू कर दी. लोग सेहरी किए बिना ही रात के अंधेरे में जान बचाकर भागने को मजबूर हो गए. जोराफार्म गांव के निवासी जल्लन दीन गुज्जर ने कहा , ‘‘ सेहरी , कैसी सेहरी? हम इसलिए जिंदा हैं क्योंकि हम अंधेरे में जान बचाकर भाग आए. जब सेहरी का समय हुआ तो हमने देखा कि हमारे गांव को पाकिस्तान ने बर्बाद कर दिया है. ''

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मंगलवार शाम को भी हुई गोलीबारी

मंगलवार शाम को भी पाकिस्तान की तरफ से जम्मू के हीरानगर, सांबा, रामगढ़ और अरनिया में भी पाकिस्तान की तारीफ से गोलीबारी की गई. इससे पहले सीमा से 400 मीटर की दूरी पर स्थित गुर्जर दूधियों के गांव जोराफार्म पर पाकिस्तान ने मोर्टार की बारिश कर दी. आर एस पुरा सेक्टर स्थित इस गांव के एक निवासी ने कहा कि गोलाबारी से लोगों के कच्चे घर तबाह हो गए और गांव मलबे के ढेर में तब्दील हो गया. अपने घोड़ों को बचाने गांव लौटे दीन ने कहा कि सीमा पर रहने वाले लोग ‘‘ मौत के साए में जी रहे हैं. '' गांव के एक और निवासी ने कहा , ‘‘ हम सौभाग्यशाली हैं कि बर्बरता से बच गए. हमने गांव से कुछ दूरी पर एक सरकारी इमारत में शरण ली है. ''

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सीमा के गांव में निशाना बना रहे हैं पाकिस्तानी सैनिक

पाकिस्तानी सैनिक जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकियों और गांवों को निशाना बना रहे हैं जिससे वहां रहने वालों में डर का माहौल है. जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में भारी गोलाबारी के चलते बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घर छोड़ दिए हैं. जोराफार्म गांव में 100 से ज्यादा परिवार रहते हैं. ये गांव अपने दुग्ध उत्पादन के लिए खासा मशहूर है.

ये चौथी बार है जब हाल के साल में जोराफार्म पाकिस्तान की गोलाबारी का शिकार हुआ है. इस साल 20 जनवरी को पाकिस्तान की गोलाबारी में इस गांव में सैकड़ों कच्चे मकान खत्म हो गए थे और बड़ी संख्या में मवेशी मारे गए थे. सितंबर 2017 में 30 मकान ध्वस्त हो गए थे और कम से कम 6 लोग जख्मी हुए थे. साल 2014 में जोराफार्म गांव पर पाकिस्तान की गोलाबारी में मोहम्मद अकरम नाम के एक शख्स और उसके दो साल के बेटे की मौत हो गई थी. पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम उल्लंघन में पिछले एक हफ्ते में सीमा सुरक्षाबल के 2 जवानों और 8 महीने के एक बच्चे समेत 7 लोगों की जान चली गई है.

(इनपुट: भाषा)

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